बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों ने बिहार माल और सेवा कर विधेयक, 2017 (जीएसटी) को ध्वनिमत से पास कर दिया। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक बिहार के टैक्स कलेक्शन में 8 से 10 हजार करोड़ की बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। जीएसटी के पक्ष में हम पहले से ही खड़े रहे। विचार नहीं बदला। उन्होंने कहा कि विधानमंडल की विशेष सत्र बुलाया गया है। क्रियान्वयन की अंतिम कड़ी को पूरा किया गया है। सदन में सर्वसम्मति से जीएसटी विधेयक को पास किये जाने के लिए मुख्यमंत्री ने सबको धन्यवाद दिया। सीएम ने कहा कि बजट सत्र की कार्यवाही पूरी होने के बाद सत्रावसान नहीं किया गया था। उम्मीद थी कि संसद से जीएसटी बिल पास होगा। इसके बाद राज्य विधानमंडलों से इसे पास कराया जाना जरूरी हाेगा।
जीएसटी विधेयक को सबसे पहले विधानसभा में पेश किया गया। भाकपा माले के महबूब आलम के विरोध के बावजूद इसे पारित कर दिया गया।

इसे पेश करते हुए वाणिज्यकर मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इसके माध्यम से एक नयी व्यवस्था आयी है। कानून बन गया है, तो संभव है कि भविष्य में इससे कठिनाइयां भी आयेंगी। इस व्यवस्था से देश को लाभ होगा, तो बिहार को भी फायदा मिलेगा। इस कानून से आम लोगों के जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनको सहूलियत मिलेगी। जो लोग लग्जरी जीवन जीते हैं, उनको थोड़ा टैक्स देना पड़ेगा। राज्य में गरीब विद्यार्थियों को पोशाक व साइकिल योजना के लिए धन की आवश्यकता होती है। ऐसे में इस विधेयक को पास किया जाना आवश्यक है।