नक्सल प्रभावित मुंगेर के धरहरा प्रखंड के सराधी गांव की जया देवी green lady के नाम से मशहूर हैं। ड्रीम गर्ल हेमामालिनी, उद्योगपति टीना अंबानी, कृषि मंत्री राधा माेहन सिंह सहित कई नामचिन हस्तियों से सम्मानित हुई हैं।
जया देवी अपनी जिद से अपने और आसपास के गांवों की तस्वीर बदल दी है।
पहाड़ की गाेद में बसे सराधी, बंगलवा, लकडकाेला, गाेरैयै, सखाेल, काेयलाे, करेगी सहित दर्जन भर गांव में सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं थी।
पहाड़ से निकलने वाला पानी फसल काे लाभ पहुंचाने के बजाय बर्बाद करने में लगा था। जया ने नाबार्ड के सहयोग से वाटर शेड का निर्माण कराया।
पानी का बहाव बंजर खेतों की ओर किया गया। अब वहां के किसान सब्जी आैर अनाज पैदा करने की स्थिति में गए। खेती के लिए पैसों की जरूरत पड़ी तो एक से बढ़कर एक सूदखाेर महाजन सामने आने लगे।
गरीब, आदिवासी महादलित काे चंगुल में फांसकर अनाज, जमीन आैर मवेशी तक हड़पने लगे।
जया ने गांव की महिलाओं का समूह बनाया। फिर बैंकों से सस्ते दर पर कर्ज दिलाया। इन्हें मवेशी पालन करने के लिए प्रेरित किया।
धीरे-धीरे इनकी दशा बदली। महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गईं। सूदखोरों के चंगुल से मुक्त हो गई।
यहां सूदखोरों का आतंक था। जमीन हड़पते थे। बहू-बेटियाें की आबरू पर भी हाथ डालने से गुरेज नहीं करते थे।
इसी कारण मेरी शादी कम उम्र में हाे गई। मैंने ताे सिर्फ रास्ता दिखाया आैर गांव की जनता ने मेरे ऊपर विश्वास किया।