आपने अब तक चाय के कई स्टॉल देखे होंगे जिनमें से कुछ नाम आपने सुने होंगे. जैसे एमबीए चाय वाली, ग्रेजुएट चाय वाली, बेवफा चायवाला, बीसीए चायवाला. हालांकि, नवीनतम समय में बिहार के गया शहर में रिबॉर्न चाय वाली चर्चा में है. यह स्टॉल बोधगया नोड वन के पास स्थित है. रिबॉर्न चायवाली के स्टॉल को औरंगाबाद जिले के गोह का निवासी स्वीटी राज ने शुरू किया है. स्वीटी चाय के स्टॉल लगाने से पहले वह पटना और चंडीगढ़ में प्राइवेट कंपनी में काम कर चुकी थी, लेकिन उनका मानना है कि नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनो. इसलिए, उन्होंने उस काम को छोड़कर अपने नियमित निवेश से चाय का स्टॉल शुरू किया है.
नौकरी छोड़, खोला स्टॉल
स्वीटी की पढ़ाई लिखाई गोह से ही हुई है. उसके बाद गया कॉलेज गया से बीसीए करने के बाद पटना में एक प्राइवेट कंपनी में काम किया. उसके बाद लगभग 4 साल तक चंडीगढ़ में काम किया. लेकिन, उतने पैसे से पूरे परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा था. उस काम को छोड़कर वापस घर आ गई. जो भी सेविंग्स बचे हुए थे, उस पर चाय का स्टार्टअप शुरू किया. बोधगया से पहले लगभग एक महीने तक गया शहर में स्टॉल लगाई, लेकिन वहां अच्छे से नहीं चल पा रहा था. जिस कारण पिछले एक महीने से बोधगया के नोड वन के समीप इन्होंने स्टॉल लगाया है. यहां पर आपको 10 रुपए में एक कप चाय मिलेगी. रोजाना 800 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक की चाय बेच लेती है.
देसी के साथ विदेशी भी स्वाद के दीवाने
चाय का यह स्टॉल लगाने में उनके पूरे घर वालों का सपोर्ट भी रहा है. किसान परिवार से आने वाली स्वीटी राज ने रिबॉर्न चाय वाली के नाम से स्टॉल लगाया है, जिसकी टैगलाइन “पीना तो पड़ेगा” रखा गया है. उनके स्टाल के पास शाम के समय काफी भीड़ देखी जा रही है. हर वर्ग के लोग और विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचकर उनके चाय का चुस्की ले रहे हैं. स्वीटी की चाहत है कि आगे चलकर इस व्यवसाय को और बड़ा करें और चाय के अलावे और भी सामानों की बिक्री किया जाए.
रिबॉर्न नाम रखने का यह है मकसद
स्वीटी ने बताया कि बोधगया से पहले जिस शहर में वह गई, वहां तीन जगह पर स्टॉल लगाए थे. लेकिन, वहां उत्कृष्ट सहायता नहीं मिली थी. इसी कारण से अब पिछले एक महीने से बोधगया में नोड वन के पास स्थित स्थान पर स्टॉल लगा दिया है. रोजाना 700, 800, 1000 या कभी-कभी 1500 रुपए तक की चाय की बिक्री हो जाती है. रिबॉर्न चाय वाली की पीछे यह संकल्प है कि जब तक व्यक्ति नौकरी करने वाले नहीं बन जाते हैं, तब तक अन्य व्यक्तियों को नौकरी मिले. इसी उद्देश्य के साथ स्टॉल का नाम रिबॉर्न चाय वाली रखा गया है. इसकी टैगलाइन है – “पीना तो पड़ेगा रखी गई है.