भारत का पूर्वी घाट उत्तरी ओडिशा से शुरू होकर तमिलनाडु तक फैला हुआ है, जो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक से गुजरता हुआ केरल के वायनाड क्षेत्र को भी छूता है। पूर्वी घाट में जंगलों से लेकर ऊंची-ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं शामिल है। प्राकृतिक रूप से यह पूरी ईस्टर्न बेल्ट काफी समृद्ध मानी जाती है। इसके अलावा यहां से चार नदिया गोदावरी, महानदी, कृष्णा और कावेरी भी होकर गुजरती है।
यहां आपको सदाबहार से लेकर पर्णपाती हर तरह के वन प्रकार देखने को मिलेंगे। उपग्रह मानचित्र में देखें तो यह पूरा क्षेत्र आपको हरा-भरा नजर आएगा। यहां मौजूद बहुत सी पहाड़ियां ऐसी हैं जहां का रास्ता काफी दुर्गम है जबकि सामान्य ऊंचाई वाली पहाड़ियों तक का सफर आप आसानी कर सकते हैं। अगर आप रोमांच प्रेमी हैं और एडवेचंर का कुछ नया असल अनुभव चाहते हैं तो बताए जा रहे पहाड़ी इलाकों की सैर का प्लान जरूर बनाएं।
सिरूमलाई
सिरूमलाई तमिलनाडु स्थित जंगलों से घिरा पहाड़ी क्षेत्र है, जो लगभग 200 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। यह पूरा क्षेत्र अपनी पहाड़ी चोटियों के लिए जाना जाता है। यहां पहाड़ी वन्सपतियों की भरमार है। सिरूमलाई समुद्र तल से लगभग 1600 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
नदी-तालाब, जल प्रपात इस पूरे जंगली क्षेत्र को प्राकृतिक रूप से खूबसूरत बनाने का काम करते हैं। मथामलाई अनै वेलकन्नी चर्च, शिवशक्ति मंदिर, सिरूमलाई झील, अगस्थ्यरपुरम, भगवान मुरुगन मंदिर आदि यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
कोल्ली हिल्स
तमिलनाडु के नामक्कल जिले में स्थित कोल्ली हिल्स खूबसूरत पहाड़ी श्रृंखला है। यहां के पहाड़ लगभग 1300 मीटर तक ऊंचे हैं जो 280 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले है। यह पूरा इलाका पूर्वी घाट के अंतर्गत आता है। नामक्कल जिला राज्य के धार्मिक स्थानों में गिना जाता है, यहां अनेकों मंदिर स्थित हैं, इसलिए इन पहाड़ी भागों को भी आस्था के नजर से देखा जाता है।
इन पहाड़ों से होते हुए श्रद्धालु अरापलीश्वर मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस पर्वत का नाम एटूकई अम्मान मंदिर की देवी (कोल्ली पवाई) के नाम पर पड़ा है। यह पूरी पहाड़ी प्राकृतिक खजानों से भरी पड़ी है। रोमांच और जंगल एडवेंचर के शौकीन यहां का सफर कर सकते हैं।
कलरेयन हिल्स
पूर्वी घाट में स्थित कलरेयन हिल्स दक्षिण भारत की मुख्य पर्वत श्रृंखलाओं में गिना जाता है। कलरेयन हिल्स कावरी नदी के किनारे बसा है। यहां के पहाड़ों की ऊंचाई 2000 से लेकर 3000 फीट है। यहां के पर्वत तमिलनाडु के बहुत से जिलों को छूकर गुजरते हैं। कलरेयन को दो भागों में बांटा गया है, एक चिन्ना हिल्स (छोटा) दूसरा पेरिया हिल्स (बड़ा) ।
चिन्ना हिल्स की पहाड़ियों की लंबाई लगभग 2700 फीट है जबकि पेरिया हिल्स की लंबाई 4000 फीट की है। यह पूरा इलाका जंगली वनस्पतियों से भरा है, जहां आप पर्णपाती वनों को भी देख सकते है। कुछ नए एडवेंचर के शौकीन इन पहाड़ियों का सफर कर सकते हैं। यहां के जंगल साहसिक ट्रेकिंग के लिए जाने जाते हैं।
वचित्तेरी हिल्स
चित्तेरी हिल्स भारत के पूर्वी घाट का एक खूबसूरत पर्वतीय भाग है, जो सदाबहार, अर्ध-सदाबहार, रिपाइरियन, मिश्रित पर्णपाती, शुष्क पर्णपाती और दक्षिणी थ्रॉन स्क्रब जंगलों से भरा पड़ा है। घने जगंलों के कारण यहां के तापमान में भी भिन्नता है, यहां का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहता है जबकि अधिकतम तापमान 40 डिग्री पर रहता है।
यह पूरा क्षेत्र प्राकृतिक खजाने से भरा है। रोमांच और एडवेंचर के खोजी यहां आकर कुछ नया अनुभव कर सकते हैं। यहां का प्लान बनाने से पहले संबधित जानकारी जरूर जुटा लें।
यरकौड हिल स्टेशन
यरकौड तमिलनाडु स्थित एक खूबसूरत पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जो अपनी पहाड़ी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। अन्य हिल स्टेशनों के मुकाबले यहां का प्लान सामान्य बजट में बन सकता है। ज्यादातर लोग इस हिल स्टेशन के बार में नहीं जानते इसलिए यहां ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है।
यहां के मुख्य आकर्षणों में यरकौड झील, भालू की गुफा, किलियुर जलप्रपात, लेडीज सीट, वनस्पति उद्यान आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां से कुछ दूरी पर स्थित सलेम, नमक्कल और अरंगलूर दर्शनीय स्थलों की सैर कर सकते हैं।