अब घंटे भर में ही यह बात साफ हो जाएगी कि मरीज को हार्ट अटैक है या नहीं। अभी तक जांच पड़ताल के बाद कई घंटे बाद ही स्थिति साफ हो पाती है। एडवांस एचएस ट्रोपोनीन जांच में हार्ट अटैक की पहचान एक घंटे की भीतर हो जाएगी। पहले जांच में हार्ट अटैक की जानकारी में पांच-छह घंटे लगते थे। ये बातें इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के वरीय कार्डियोलाजिस्ट डा. नीरव कुमार ने कहीं। वे आइजीआइएमएस के बायोकेमेस्ट्री विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
- – एडवांस एचएस ट्रोपोनीन जांच से पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा काम
- – आइजीआइएमएस में बायोकेमेस्ट्री विभाग में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
बायामार्कर का ही हिस्सा है ट्रोपोनिन जांच
बताया गया कि ट्रोपोनिन जांच बायामार्कर का ही हिस्सा है। इससे हृदय रोग की गंभीरता का पता लगाया जाता है। अब ट्रोपोनिन जांच के एडवांस वर्जन से हार्ट अटैक के बारे में घंटे भर में जानकारी मिल जाएगी। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने कहा कि बायोमार्कर जांच आइजीआइएमएस में भी हो रही है। डीन डा. वीएम दयाल ने जांच की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कालेज के प्राचार्य डा. रंजीत गुहा ने विभिन्न बीमारियों के इलाज में बायोमार्कर के उपयोग के बारें में जानकारी दी। बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष डा. रेखा कुमारी ने विभिन्न जांच, एचएस ट्रोपोनीन वन की उपलब्धता एवं गुणवत्ता के बारें में जानकारी दी। डीन परीक्षा डा. बीपी सिंह ने हृदय की बीमारियों में बायोमार्कर जांच की उपयोगिता के बारे में बताया। मुंबई से आएं डा. अजय दरबार ने हार्ट डिजीज में इसके उपयोग की जानकारी दी। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डा. बिभूति प्रसन्न सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में डा. आनंद कुमार, डा. श्वेता कुमारी, डा. रवि शेखर, डा. रवि विष्णु आदि ने भी संबोधित किया।