ये आईपीएस हैं बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey Ex DGP Bihar). उनका जन्म बिहार के बक्सर जिले के गेरुआबन्द गांव में हुआ था. यह काफी पिछड़ा गांव हुआ करता था, जहां पर बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थीं. लेकिन चूंकि गुप्तेश्वर पांडेय में पढ़ने की ललक थी, तो उन्होंने ऐसे परिवेश में भी मेहनत से पढ़ाई-लिखाई पूरी की
इंटरमीडिएट पूरा करने के बाद वह ग्रेजुएशन के लिए पटना यूनिवर्सिटी आ गए. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा दी. पहले उनका सेलेक्शन बतौर आईआरएस अधिकारी हुआ, लेकिन उन्होंने दोबारा से परीक्षा दी और साल 1987 में आईपीएस ऑफिसर बने. उन्हें बिहार कैडर आवंटित हुआ था.
बतौर आईपीएस वह बिहार के कई महत्वपूर्ण जिलों में एसपी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. इसके बाद वह आईजी भी रहे. साल 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था. लेकिन डीजीपी बनने के एक साल बाद उन्होंने अपनी सर्विस खत्म होने से 6 महीने पहले ही वीआरएस ले लिया. इसके बाद उन्होंने एक पॉलिटिकल पार्टी ज्वाइन कर ली और राजनीति में आ गए.
कुछ समय बाद उन्होंने राजनीति से भी सन्यास ले लिया और कथावाचक बन गए. उनका मन अब प्रभु की भक्ति में रम गया और वह श्रीमद भागवत कथा सुनाने लगे. इसी साल उन्हें जगतगुरू रामानुजाचार्य की उपाधि भी दी गई थी. वह अपने इंटरव्यू में कहते हैं कि वह प्रभु की मुरली हैं, प्रभु जैसे बजाएंगे वह वैसे बजेंगे.