सुकमा नक्सली हमले में शहीदों की मदद के लिए क्रिकेटर गौतम गंभीर आगे आये और उन्होंने शहीदों के बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उटाने का निर्णय लिया।
शहीदों में एक बिहार के शेखपुरा के जवान भी हैं जिनके परिवार वालों ने कहा कि इस हालात में सरकार सिर्फ मदद का आश्वासन देकर ही चली जाती है लेकिन भारत के इस खिलाड़ी ने हमारा दर्द समझा और मदद के लिए आगे आये।
उन्होंने कहा कि गौतम गंभीर जुग-जुग जियें। शहीद की पत्नी ने बताया कि उनके दिमाग में बस एक ही सवाल चल रहा था कि आखिर उनके पति के शहीद हो जाने के बाद उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा।