झारखंड के रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। मंदिर की खासियत ये है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है।
यह पूजा सदियों से चली आ रही है। माना जाता है कि इस जगह का उल्लेकख पुराणों में भी मिलता है। भक्तों की आस्थाग है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है। मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे।
पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा। अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया।
मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिवलिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली।