गंगा नदी में मिला समंदर में तैरने वाला पत्थर, देखकर आप भी कह उठेंगे जय श्रीराम, जानिए कहां से आया

आस्था जानकारी

रामायण में समुद्र पर सेतु निर्माण वाले प्रसंग में आपने पढ़ा ही होगा कि किस तरह राम की वानर सेना ने भारत से लंका तक जय श्रीराम लिखे पत्थरों से पुल बना दिया था. पत्थर के पानी में तैरने की प्रक्रिया का विज्ञान भी है. समंदर में ऐसे पत्थरों के तैरने की पौराणिक कथाएं आपने पढ़ी-सुनी होंगी. लेकिन बीते दिनों बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी में ऐसा ही एक चमत्कारी पत्थर पानी की सतह पर बहता दिखा तो लोग हैरान रह गए. चमत्कारी इसलिए, क्योंकि इस पत्थर पर प्रभु श्रीराम का नाम लिखा है. पटना सिटी के आलमगंज थानाक्षेत्र के राजा घाट पर देखने को मिल रहा है, जहां स्थानीय लोगों को गंगा नदी से 12 से 15 किलो के वजन का एक चमत्कारी पानी में तैरने वाला पत्थर मिला है. इस पत्थर पर प्रभु श्रीराम का नाम लिखा है. राम नाम लिखे इस चमत्कारी पत्थर के मिलने पर इसके दर्शन को लेकर घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. स्थानीय लोगों ने इस चमत्कारी पत्थर को घाट किनारे शिव मंदिर में स्थापित कर दिया है, जहां इस पत्थर की पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है.

बताया जाता है कि बीते 23 अगस्त को कुछ स्थानीय युवक गंगा में स्नान कर रहे थे. गंगा में स्नान के दौरान अचानक से उनकी नजर पानी में तैर रहे पत्थर पर पड़ गई. खेल-खेल में सभी पत्थर को उछालने लगे तो वह पत्थर पानी में डूबने के बजाय तैरने लगा. यह सब देखकर लोगों को काफी आश्चर्य हुआ और सभी लोगों ने उसे पत्थर को पानी से निकाल लिया. देखते ही देखते यह खबर जंगल में लगी आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और लोगों की भीड़ राजा घाट पर इकट्ठी हो गई. बाद में स्थानीय लोगों ने उस चमत्कारिक पत्थर को घाट पर स्थित शिव मंदिर में स्थापित कर दिया.

चमत्कारी पत्थर के मंदिर में स्थापित किए जाने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर उमड पड़ी और लोग उस पत्थर की पूजा अर्चना कर अपने लिए मंगल कामनाएं करने लगे. स्थानीय युवक रितिक सहनी और सुजल साहनी ने बताया कि वे लोग हर दिन की भांति बीते 23 अगस्त को गंगा घाट पर नदी में स्नान कर रहे थे. इसी दौरान उनकी निगाह नदी में तैर रहे पत्थर पर पड़ी जिस पत्थर पर भगवान श्री नाम का नाम लिखा था. उन्होंने बताया कि पत्थर पानी में डूबने के बजाय तैर रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थर का वजन 12 से 15 किलो के आसपास है, बावजूद इसके वह पानी में डूबने के बजाय तैर रहा था.

हालांकि इस चौकोर पत्थर को देखने पर यह पूरी तरह से पत्थर नहीं लगता है, हालांकि यह वजन में खासा भारी है. पत्थर के चारों ओर दानेदार खुद्ररापन भी है, जिस पर श्री राम गुदा है. इस चमत्कारी पत्थर को लेकर स्थानीय लोगों में यह कयास लगाया जा रहा कि यह रामसेतु का चमत्कारी पत्थर है जो पानी में डूबने के बजाए तैरता है. कुछ स्थानीय लोगों ने पूरे मामले से पुरातात्विक विभाग को अवगत करा दिया है. पुरातात्विक जांच के बाद ही इस चमत्कारिक पत्थर की हकीकत सामने आ सकेगी. फिलहाल यह पत्थर लोगों के बीच आस्था का एक केंद्र बन गया है.

 

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