पटना के महात्मा गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को तोड़ने का काम जोर-शोर से चल रहा है। इसी क्रम में पाया संख्या 3-4 के ऊपर बने स्पैन को काट कर गिरा दिया गया।स्पैन को गिराने के दौरान सेतु पर ट्रैफिक को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया था। इसकी तैयारी पुलिस ने पहले से कर रखी थी। गंगा ब्रिज थाने को जैसे ही सूचना मिली कि तोड़े गए स्पैन को गिराया जाना है।
वैसे ही पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंच ट्रैफिक को कंट्रोल करने की कोशिश करने में जुट गई। लेकिन लोगों में सुपर स्ट्रक्चर को टूटते हुए देखने की भारी ललक देखी गई। दोनों लेन के बीच में फाइबर करकट की चादर लगाई गई है। बता दें कि निर्माण के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी और पहली घटना की शुरुआत पटना में हुई है।
सुपर स्ट्रक्चर बदलने के लिए गांधी सेतु के एक लेन को तोड़ने का काम शुरु कर दिया गया। इसके पहले राज्य सरकार ने नवनिर्माण के लिए गांधी सेतु को तोड़ने की हरी झंडी दे दी थी। प्रधान पथ अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में सात घंटे की मीटिंग के बाद ये फैसला लिया था। निर्माण कंपनी को इससे संबंधित पत्र भेज दिया गया था।
इसके बाद पुल को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई। दो साल में इसका नवनिर्माण पूरा कर लिया जाना है। गांधी सेतु जैसे बड़े पुल को आज तक न तो दुनिया में पहले कभी तोड़ा गया और न ही उसका स्ट्रक्चर बदला गया।
ये घटना इंजीनियरों के लिए भी आश्चर्यजनक है। राज्य सरकार ने इसे पहले 21 मई को तोड़ने की हरी झंडी दी थी। लेकिन बाद में सोनपुर पुल चालू होने तक इसे रोक दिया गया था।