पटना के महात्मा गांधी सेतु के एक लेन को तोड़ने के काम में अभी वक्त लग सकता है। हालांकि पुल को तोड़ने और बनाने का काम जिस कंपनी को मिला है उसने अपनी ओर से तैयारी पूरी कर ली है।
वहीं सरकार की ओर से कंपनी को पुल हैंडओवर करने का ऑफिशियल लेटर नहीं मिला है। पुल को कैसे तोड़ना है और उससे निकलने वाले स्क्रैप का क्या करना है कंपनी ने इसके लिए भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
कंपनी के लगभग 5 सौ से ज्यादा लोग प्रतिदिन काम में लगे हुए हैं। कंपनी अपने कर्मियों के रहने आदि की पूरी व्यवस्था भी कर रही है। पुल को तोड़ने और दोबारा बनाने वाली एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी से जब दैनिक भास्कर ने बात कि तो पता चला कि अभी उन्हें पुल हैंडओवर का ऑफिशियल लेटर नहीं मिला है।
लेटर में प्रोसेस आते-आते अभी 10 दिनों का वक्त लग सकता है। उसके बाद भी 5 दिन कंपनी को अपनी तैयारी में लग सकते हैं। इस लिहाज से तोड़ने के काम में 15 दिन का समय लग सकता है।
पर्यावरण विभाग पुल को तोड़ने के समय कचड़ा और स्क्रैप अंदर गंगा में गिराया जाए इसके लिए काफी गंभीर है।
इसके लिए कंपनी ने भी अपनी तैयारी कर ली है। पुल को डायमंड कटर से काटकर उसके बोल्डर पानी में तैरते बार्ज पर ऑटोमेटिक लिफ्ट के जरिए गिराया जाएगा। बार्ज फुल होने पर उसे किनारे पर लाकर बोल्डर को ट्रकों में लोडकर बेस कैंप भेजा जाएगा।