केन्द्र की अड़चनें दूर हुईं तो गया-नालंदा सड़क (एनएच 82) पर काम तेजी से शुरू हो गया। आठ महीने पहले इस सड़क के निर्माण का काम शुरू हुआ और अब तक 11 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
जमीन की समस्या भी अब नहीं रही। लिहाजा उम्मीद है कि यह सड़क तय समय से पहले बन जाएगी। पथ विकास निगम भी यही लक्ष्य लेकर चल रहा है। संचिकाओं में तीन वर्षों की लंबी यात्रा तय करने के बाद गया-नालंदा सड़क की फोरलेनिंग को केन्द्र सरकार की हरी झंडी मिली थी।
गया से हिसुआ, राजगीर और नालंदा होते हुए यह सड़क बिहारशरीफ तक जाती है। सड़क बनाने का फैसला वर्ष 2013 में ही हुआ था। प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने इसको उसी वर्ष स्वीकृति दे दी। जायका से लोन की मंजूरी भी पहले ही मिल गई। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क को राज्य सरकार जल्द बनाना चाहती थी।
लेकिन केन्द्र ने साफ कर दिया था कि जब तक 80 प्रतिशत जमीन नहीं मिल जाएगी तब तक काम शुरू नहीं होगा। केंन्द्र ने टेंडर खोलने से ही मना कर दिया। लिहाजा सरकार के पास लगभग 74 किमी सड़क निर्माण के लिए जमीन होने पर ही काम शुरू होता।