पटना: सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत को बयान करती एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। तस्वीर औरंगाबाद के घाटी सरकारी अस्पताल की है। वहां ड्रिप स्टैंड का अभाव था, लेकिन मरीज एकनाथ के ईलाज के लिए ड्रिप चढ़ाना भी जरूरी था। लिहाजा मासूम बेटी ड्रिप स्टैंड बन गई। वह बॉटल पकड़कर घंटो खड़ी रही। बाप-बेटी की तस्वीर भावुक करने वाली है।
2 घंटे तक बोतल पकड़े खड़ी रही बेटी
औरंगाबाद के एकनाथ गवली को 5 मई को घाटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। ऑपरेशन के बाद जब उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया गया, तो वहां ड्रिप के लिए स्टैंड नहीं था। फिर डॉक्टर्स ने उनकी 7 साल की बच्ची को बॉटल पड़ा दी! मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिता की जिंदगी की खातिर बच्ची करीब 2 घंटे ऐसे ही बॉटल पकड़े खड़ी रही। मई में हुई इस घटना की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हुई है।
बताया गयाथा कि मराठवाड़ा के इस सबसे बड़े 1200 बेड वाले सरकारी हॉस्पिटल में औरंगाबाद सहित आसपास के 8 जिलों के मरीज ईलाज के लिए आते हैं।
अस्पताल ने दिया अपना तर्क
जब इस तस्वीर पर विवाद बढ़ा, तो अस्पताल के डीन ने मामले की जांच करवाई। डीन डॉ. कानन येलिकर ने बताया, ‘तस्वीर वायरल होने के बाद पूरे मामले की जांच करवाई गई, तो सामने आया कि जिस वक्त डॉक्टर स्टैंड लेने के लिए गया था, उसी दौरान एक NGO से जुड़े लोगों ने लड़की की बॉटल पकड़ने वाली तस्वीर खींची।’
डॉक्टर ने खुद स्वीकारा इस बात को
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रवीण गरवारे ने बताया, स्टैंड छोटा होने से ड्रिप चढ़ाने में दिक्कत हो रही थी। कुछ देर के लिए बच्ची को बॉटल पकड़ाकर मैं दूसरा स्टैंड लेने गया था।
Source: Navbharat times