पटना: अररिया-सुपौल रेल लाइन के लिए रेल मंत्रालय ने दी हरी झंडी दे दी है। जिसमें कटिहार रेल मंडल के नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जोगबनी रेल रूट का संपर्क सीधे कोसी व मिथिलांचल से होगा। बता दें की अभी कटिहार एवं सीमांचल का कोसी एवं मिथिलांचल से सीधा संपर्क नहीं है। रेल मंत्रालय द्वारा अररिया-सुपौल रेल लाइन को स्वीकृति देने के बाद से कटिहार मंडल में भी विकास की आस जगी है।
अररिया-सुपौल रेलखंड के लिए कार्यारंभ करने के लिए एस्टिमेडेड कॉस्ट 1605.17 करोड़ रुपया आवंटित किया गया है। राशि आवंटित हो जाने के बाद अब भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया जायेगा। इसके लिए बिहार सरकार भूमि अधिग्रहण का काम करेंगी। आवंटित राशि से मिट्टी का काम और पटरी बिछाने का काम 1421.87 करोड़ की लागत से करायी जायेगी। वहीं सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन का काम 68.44 लाख, इलेक्ट्रिक का काम 24.70 लाख और टेक्निकल विद्युत कार्य 90.16 लाख रुपये की लागत से करायी जायेगी।
इस योजना में सुपौल से पिपरा के बीच 21 किमी में 360 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। इसके लिए भूअर्जन विभाग से 136 करोड़ 35 लाख रुपये का डिमांड किया गया था। डिमांड नहीं रहने के कारण भूमि अधिग्रहण का काम लंबित पड़ा था। लेकिन अब आवंटन आ जाने के बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया जायेगा। इसको लेकर बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने भी 27 जून को रेलमंत्री को पत्र लिखा था।
Source: Live Bihar