हमारी जिंदगी कहने को तो बहुत लम्बी होती है लेकिन लगती बहुत छोटी है। हम अपनी लाइफ में खुद के छोटे-मोटे टेंशन की वजह से इसे और भी कम करते है। ऐसे में, इस तनाव और अल्प खुशियों वाली ज़िन्दगी में खुद से प्यार करना बेहद जरुरी है क्यूंकि अगर हम खुद से प्यार नहीं करेंगे तो लाइफ में हम कभी-भी खुश नही रह सकेंगे और ना ही दूसरों को रख पायेंगे। हमारे दिमाग में हर तरह की भावनाएं आती-जाती रहती हैं जैसे कभी पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव। पॉजिटिव होने के लिए हमारे मन में एक आशा का जिंदा रहना बेहद जरूरी है लेकिन नेगेटिव होने के बहुत सारे कारण हैं जैसे हम अपने ज़िन्दगी में नाकाम हो जाते हैं या फिर कोई हमसे बुरा व्यवहार करता है और भी बहुत से कारण हैं। लेकिन हमें हमेशा अपने अन्दर पोसिटीविटी कायम रखना बेहद जरुरी है।
हम सबको अपनी-अपनी लाइफ में कुछ रूल्स और रेगुलेशन बनाने चाहिए हम तभी आगे बढ़ते सकते है। सबसे पहले तो हमें दूसरों की बातों को इग्नोर करना चाहिए क्यूंकि दूसरो की बातें हम पर जल्दी असर करती हैं। इसलिए लाइफ में हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए और वही करना चाहिए जो करना आपको अच्छा लगता है। दुसरो को खुश रखने के चक्कर में अपनी खुशियों पर ध्यान देना बिलकुल ना भूलें।
फिल्म ‘डियर ज़िन्दगी’ के कुछ ख़ास डायलॉग्स, जो पूरी तरह से बदल सकती है आपकी ज़िन्दगी :
“तुम अगर खुलके रो नहीं सकते, तो खुलकर हँस कैसे सकोगे” !
“ज़िन्दगी में जब कोई भी चीज़ अगर आदत बनती दिखाई दे न, तो उसके बारे में अच्छे से सोंच-विचार कर लेना चाहिए” !
“कभी-कभी हम मुश्किल रास्ता सिर्फ इसीलिए चुनते हैं क्यूंकि हमें लगता है कि कुछ खास चीजें पाने के लिए हमें मुश्किल रास्ता अपनाना चाहिए और अपने आपको दंड देना बहुत ज़रूरी समझते है … लेकिन क्यूँ, हम आसान रास्ता क्यूँ नहीं चुन सकते …क्या बुराई है उसमें… खास कर तब जब जब हम उस मुस्किल रास्ते के लिए तैयार ही नहीं हैं” !
“अगर हम अपनी ज़िन्दगी का स्टीयरिंग व्हील अपने हाथ में नहीं लेंगे न … तो कोई दूसरा ड्राइवर सीट पर बैठ जायेगा” !
“हम कितनी कुर्सियाँ देखते हैं कोई एक लेने से पहले… फिर अपना लाइफ पार्टनर चूसे करने से पहले ओप्तिओंस देखने में क्या प्रॉब्लम है” !