फरवरी तक पहला विद्युत रेल इंजन तैयार कर भारतीय रेल को सौंप दिया जायेगा | पहला इंजन तैयार कर रेलवे को सौपने के बाद मधेपुरा रेल इंजन फैक्ट्री का विधिवत शुभारम्भ किया जायेगा | साथ ही यह भी जानकारी दी कि कारखाने के विधिवत उद्घाटन के लिए रेलवे द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति एवं पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजा गया है |
पीएम की महत्वाकांक्षी परियोजना होने के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लगातार इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है | सितम्बर में रेलवे बोर्ड के सदस्यों द्वारा प्रगति का जायजा भी लिया गया | इससे पूर्व एल्सटॉम के एमडी सचिन गोयल द्वारा भी कारखाने के निरीक्षण के दरमियान टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों को ससमय कार्य पूरा करने का ठोस निर्देश दिया गया था |
अगले साल फरवरी में मधेपुरा रेल इंजन कारखाना से पहला इंजन तैयार हो जाएगा। फ्रांसीसी कंपनी एल्सटॉम जांच के बाद इसे रेल विभाग को सौंप देगी।
पहले इंजन के 30 हजार किलोमीटर चलने के बाद 2019 तक भारतीय रेलवे को चार और इंजन दिए जाएंगे। कारखाना में बनने वाले पहले विद्युत रेल इंजन के लिए फ्रांस समेत बाकी जगहों से सितंबर से ही पुर्जे आने शुरू हो जाएंगे।
कुल 800 रेल इंजन बनेंगे : उच्च क्षमता के विद्युत रेल इंजन बनाने के लिए भारतीय रेल ने फ्रांस की प्रमुख ट्रांसपोर्ट कंपनी ‘एल्सटॉम’ से जो एकरारनामा किया इसके लिए ‘एल्सटॉम’ को तथा दोनों की संयुक्त साझेदारी में मधेपुरा में 12,000 हॉर्स पावर के 800 रेल इंजन बनाकर रेलवे को देगी। पहले तय था कि इनमें से 795 इंजन मधेपुरा में बनेंगे और शेष पांच इंजन फ्रांस में तैयार किए जाएंगे।
यह तय किया गया कि पांचों इंजनों के पुर्जे फ्रांस से मंगवाकर इंजन मधेपुरा में ही बनाया जाएगा। तय समयसीमा पर पहला इंजन तैयार करने के लिए कारखाना के अधिकारी काम में जुटे हैं।
31 दिसंबर तक कारखाना के पहले चरण का भवन निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।