
बिहार की यह लड़की बनी थी देश की पहली लेडी डॉक्टर

शादी के बाद कादम्बिनी गांगुली को तीन बच्चे हुए। इस तरह उनके कंधों पर आठ बच्चों के पालन पोषण का भार था। ऊपर से मेडिकल की कठिन पढ़ाई। लेकिन इन सब के बावजूद उन्होंने धैर्य नहीं खोया। डॉक्टर बनने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाने का फैसला किया।
इस फैसले पर भारी विरोध शुरू हो गया। पहले विदेश जाने वाले लोगों को जात से निकाल दिया जाता था। तब यह माना जाता था कि उनका धर्म भ्रष्ट हो गया। एक लड़की के लिए तो ये बहुत बड़ा गुनाह था। लेकिन कादम्बिनी गांगुली, सारे विरोध की अनदेखी कर इंग्लैंड गयीं।
ग्लासगो और एडिनबर्ग से मेडिसिन में हाइयर डिग्री ली। यूरोपियन मेडिसिन की पढ़ाई करने वाली वे दक्षिण एशिया की पहली महिला बनीं।