गंगा को देश की पहली जीवित नदी (living entity) का दर्जा मिलने के बाद केंद्र सरकार इसे नुकचान पहुंचाने वालों के खिलाफ सजा और जुर्माना लगाने की तैयारी में है।
दरअसल, केंद्र के एक पैनल ने ‘नेशनल रिवर (रेजुवनेशन, प्रोटेक्शन और मैनेजमेंट) गंगा बिल-2017’ ड्राफ्ट किया है। इसके कानून बनने पर गंगा को प्रदूषित करने या नुकसान पहुंचाने के लिए मैक्सिमम 7 साल कैद की सजा हो सकती है। वहीं, नदी में पेशाब करने या गंदा करने, नदी का पानी रोकने, रिवर बैंक पर कब्जा करने पर भारी जुर्माना भी लगेगा। यह रकम 100 करोड़ तक हो सकती है।
केंद्र सरकार अप्रैल में वाटर रिसोर्स मिनिस्ट्री को ड्राफ्ट भेज चुकी है। ताकि इस पर बाकी एक्सपर्ट्स से सुझाव लिए जा सकें। मिनिस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि ड्राफ्ट फाइनल करने से पहले केंद्र इसे उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सरकारों के साथ साझा करेगी। गंगा इन राज्यों से होकर बहती है।