पटना: एनएच पर टोल प्लाजा पार करने के लिए सोमवार की आधी रात के बाद यानी 16 फरवरी से फास्टैग अनिवार्य हो जायेगा. राज्य में अब भी करीब 51% वाहनों के लिए फास्टैग का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. ऐसे में फास्टैग नहीं होने पर टोल प्लाजा पार करने के लिए तय टोल टैक्स की दोगुनी रकम देनी पड़ेगी. बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए टोल बूथों पर अलग से एक लेन की व्यवस्था की गयी है.
इस हालत में जाम लगने की आशंका है. फास्टैग संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले से ही अधिसूचना जारी कर दी है. इसका मकसद डिजिटल मोड को बढ़ावा देना और वेटिंग टाइम को कम करना है. इससे वाहनों को जाम से निजात मिलेगी, तेल की बचत होगी.
इससे पहले एक जनवरी, 2021 से फास्टैग अनिवार्य करने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी. बाद में राहत देते हुए इसे 16 फरवरी से लागू करने का निर्देश दिया गया था. दरअसल सड़क और पुल निर्माण में सरकार जितने पैसे खर्च करती है, उसकी वसूली टोल टैक्स के माध्यम से की जाती है. संबंधित टोल टैक्स का संग्रह कितने साल तक होगा, यह पहले से तय कर दिया जाता है.
राज्य में 51% वाहनों का फास्टैग के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं
एनएचएआइ के सूत्रों का कहना है कि अब फास्टैग लागू होने की तिथि बढ़ने की संभावना नहीं है. राज्य में इस समय करीब 49% वाहनों ने ही फास्टैग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. ऐसे में 51% वाहन अब भी बिना फास्टैग के हैं.
यहां से लें फास्टैग
लोगों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर विभिन्न बैंकों के एजेंट और एनएचएआइ के काउंटर लगाये गये हैं. लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन की आरसी या आधार कार्ड दिखाकर हाथोंहाथ फास्टैग खरीद सकते हैं. अब फास्टैग में मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता कार, जीप या वैन के लिए खत्म कर दी गयी है. यह अनिवार्यता अब केवल व्यावसायिक वाहनों के लिए लागू है.
बिहार में 25 हैं टोल प्लाजा
खरीक, मरंगा, सैदपुर पटेधा, सोनहो, पोखरैरा, चैनवा, थावे, परसोनी खेम, मैथी, राजे, असानपुर, हरिया बारा, खैखट, बिसुनपुरवा, भागलपुर, बालगुदर, मनियारी, गोविंदपुर, रुन्नी, दीदारगंज, बरसोनी, सासाराम, मोहनिया, दफ्फी, सौकाला.