कारगिल युद्ध में हुई जबर्दस्त गोलाबारी झेल चुके रिटायर्ड मेजर देवेन्दर पाल सिंह युद्ध में अपना दायां पैर खो चुके हैं। लेकिन उनके हौंसले अभी भी उतने ही मजबूत है। उनके शरीर में आज भी 40 छर्रे मौजूद हैं।
युद्ध में एक गोला उनके सामने आकर गिरा और जोरदार धमाके के साथ फट गया। इससे उनके पूरे शरीर में गोले के कई छर्रे घुस गए। आज भी उनके शरीर में 40 छर्रे हैं, लेकिन उनके हौसले पहले जितने ही मजबूत हैं।
सिंह इस हादसे में अपना दायां पैर खो चुके हैं। उन्हें आर्टिफिशियल लेग ब्लेड लगाई गई है। आज वे मैराथन में भाग लेकर लोगांे को प्रेरित करते हैं। हालांकि आर्टिफिशियल लेग ब्लेड से दौड़ना आसान नहीं होता।
सिंह बताते हैं ‘बम का धमाका इतना बड़ा था कि सब तितर-बितर हो गया था। मेरे साथी जवानों ने समझा कि मेरी मौत हो गई है। मुझे मृत समझकर ही अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन वहां जब एक डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया तो मेरी धड़कन चल रही थी।