पटना: पटना के नजदीक बिहटा में 9 साल के लंबे इंतजार के बाद ईएसआईसी अस्पताल का शुभारंभ हुआ. 650 करोड़ की लागत से बने नवनर्मित अस्पताल का उदघाटन केंद्रीय श्रम और नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने किया. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, श्रम मंत्री विजय सिन्हा भी मौजूद रहे.
दरअसल, 2009 में ईएसआईसी की ओर से बिहटा में 650 करोड़ की लागत से 500 बेड के अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया था. इसके लिए बिहार सरकार ने 27 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई थी.
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर सभी कार्यों को पूरा करने का संकल्प लिया गया है. देश के अंदर मजदूर बड़ा हिस्सा है जिसको लेकर मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है. अब तक 40 से अधिक कानून थे जिसे परिवर्तित किया गया. गंगवार ने कहा कि देश में 40 करोड़ से अधिक असंगठित मजदूर हैं और 6 करोड़ संगठित मजदूर हैं लेकिन 40 करोड़ को सभी सुविधाएं नहीं मिलती. अब सरकार इन सभी मजदूरों को सुविधा दिलाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ईएसआईसी अस्पताल 300 बेड का हो जाएगा और फिर मेडिकल कॉलेज के लिए आवेदन देने की पहल की जाएगी.
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने जहां अस्पताल खुलने से खुशी जाहिर की वहीं राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धि के साथ आगामी योजना की चर्चा की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द ईएसआईसी अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खुले इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार को पहल करनी होगी. बिहटा के विकास को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि धीरे-धीरे बिहटा बिहार का नया गुड़गांव और नोएडा बनता जा रहा है. यहां आईटी पार्क स्थापित किया जा रहा है जिसको लेकर बिहार सरकार ने काफी भूमि अधिग्रहण किया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 26 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया जिससे ईएसआईसी अस्पताल बन सका. बिहार सरकार ने तय किया है कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग, आईटीआई और पारा मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे.
उद्घाटन समारोह के दौरान ही आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और होर्डिंग पर नाम नहीं छपने के विरोध में नाराज हो गए और मंच पर ही हंगामा शुरू कर दिया. भाई वीरेंद्र ने कहा कि प्रोटोकॉल का ध्य़ान नहीं दिया जाएगा तो माननीय का यही हाल होगा.