बिहार में अंग्रेज़ी की शिक्षा को लेकर एक आवाज़ उठी है.. और ये अवाज गोपालगंज जिले के रहने वाले 17 वर्षीय युवा आदित्य श्रीवास्तव ने अपने साथी जिले के मशहूर कार्टूनिस्ट फ़रीद आलम जी के साथ मिल कर उठाया है… आदित्य का मानना है कि बिहार के युवा हर चीज़ में आगे है चाहे वो देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC की हो या IIT की हो, हर वर्ष बिहार से लाखों छात्र पास होते है। लेकिन आज माहौल कुछ ऐसा है की जब छात्र दसवीं की परीक्षा पास कर के तैयारी करने हेतु बाहर जाते हैं तो वहाँ उन्हें अंग्रेज़ी के वातावरण में ख़ुद को ढलना पड़ता है.. जिसमें उन्हें काफ़ी परेशानी होती है और लगभग 70% छात्र वापस घर का रूख लेलेते है.. और ये पिछड़ेपन का बहुत बड़ा उदाहरण है।
आज सम्पूर्ण बिहारवासी बिहार को बढ़ता देखना चाहते है लेकिन बिहार आगे नहीं बढ़ रहा और इसका एक छोटा सा कारण ये भी है..। अगर अंग्रेज़ी को अनिवार्य कर दिया जाए तो बिहार के छात्र-छात्रा आगे बढ़ेंगे, हर चीज में स्थान प्राप्त करेंगे। आदित्य अपने टीम “पहचान” के साथ इंग्लिश पर एक डॉक्युमेंटरी फ़िल्म बनाने जा रहे है जिसकी तैयारी लगभग पुरी हो चुकी है। आदित्य ग्रेटर नॉएडा के Noida international university से जर्नलिज़म की पढ़ाई कर रहे है और वो बिहार के लिए कुछ बड़ा करना चाहते है। उन्होंने ने बताया की वे गोपालगंज के ज़िलाअधिकारी “राहुल कुमार” को अपना आइडल मानते है और उनके काम करने के तरीक़े से बहुत प्रभावित है.. उन्होंने अपने DM सर से बहुत कुछ सिखा है और भविष्य में उनसे बहुत कुछ शिखने की कामना रखते है..।
अंग्रेज़ी-the film से पहले वो अपनी जन्म भूमि “गोपालगंज” पर एक डॉक्युमेंटरी बना चुके है जो youtube पर pehchan official नेम से काफ़ी चर्चित है वो एक युवा है और वो बताते है की- ” आज की जेनरेशन एक तरफ़ 3G और 4g की ओर अग्रसर है और इस जेनरेशन में अंग्रेज़ी की बहुत ज़्यादा भूमिका है.. अंग्रेज़ी अगर ना आए तो आदमी किसी काम का नहीं.. हिंदी हमारी रार्ट्रीय भाषा है लेकिन हमें दुनिया में बने रहने के लिए अंग्रेज़ी का ज्ञान लेना बहुत हीं ज़रूरी है.. हम सब सोशल साइट से जुड़े है बैंक के कार्य से जुड़े है लेकिन हमने आज तक अंग्रेज़ी की महत्व की चर्चा नहीं की.. किसी को तो आगे अना हीं था, तो मैंने ये मुहिम शुरू की है.. क्यूँकि एक बिहारी होने के नाते बिहार को आगे बढ़ाना मेरा फ़र्ज़ है” पहचान की टीम में सत्यम शेखर जो की एडिटर है और मनंजय कुमार चौबे जो DAV पब्लिक स्कूल थावे के दसवीं वर्ग के छात्र है।
अगर समाज में ऐसे युवा हो तो ये हमारे लिए गर्व की बात है.. आदित्य और उनकी टीम “पहचान” को बधाई और इस मुहिम को चलाने के लिए धन्यवाद।