आयरलैंड के खिलाफ दो टी 20 मैचों में एकतरफा जीत दर्ज करने के बाद अब भारतीय टीम के सामना प्रचंड फॉर्म में चल रही इंग्लैंड टीम के साथ होगा. तीन मैचों की टी 20 सीरीज का पहला मुकाबला मंगलवार को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में होगा. भारतीय टीम के लिए आयरलैंड दौरा प्रैक्टिस मैचों से अधिक कुछ नहीं था और कोहली को छोड़कर लगभग हर बल्लेबाजों ने रन बनाए. जबकि कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने प्रभावी गेंदबाजी की.
इंग्लैंड की टीम इस वक्त बेहतरीन लय में है और घर में उनका रिकॉर्ड पिछले कुछ समय से शानदार रहा है ऐसे में विराट कोहली और उनकी टीम के लिए यह दौरा काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. पिछले एक दशक में भारत की सीमित ओवरों की टीम के प्रदर्शन में निरंतरता देखने को मिली है जबकि इंग्लैंड ने जोस बटलर, जेसन रॉय और बेन स्टोक्स जैसे स्टार खिलाड़ियों की बदौलत वनडे और टी 20 मैचों में जीत की लय हासिल कर ली है. भारत के इस दौरे को विश्व कप के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अगले साल होने वाले विश्व कप में अब 12 महीने से भी कम का समय रह गया है.
पिछले 20 मुकाबले में 15 जीती है टीम इंडिया
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है. टीम ने पिछले 20 मुकाबलों में 15 में जीत दर्ज की है. जिसमें श्रीलंका में निदाहस ट्रॉफी और साउथ अफ्रीका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर सीरीज जीतना भी शामिल है. वहीं इंग्लैंड की टीम ने भारत के खिलाफ सीरीज से ठीक पहले सीमित ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को 6-0 से शिकस्त दी और इस दौरान बटलर , जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टॉ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. जून 2017 से इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका , वेस्टइंडीज , ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ नौ टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से पांच में जीत दर्ज की. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ मार्च में हुई ट्राई सीरीज में हालांकि टीम ने चार में से तीन मैच गंवाए.
बुमराह के रूप में लगा झटका
इंग्लैंड दौरे के शुरुआत से पहले भारतीय टीम को जसप्रीत बुमराह के रूप में बड़ा झटका लगा जो अंगूठे की चोट के कारण इस सीरीज से बाहर हो गए हैं. टीम के लिए उनका बाहर होना चिंता का सबब है क्योंकि वह डेथ ओवरों की गेंदबाजी में अहम भूमिका निभा रहे थे. यह देखना रोचक होगा कि उनके विकल्प के तौर पर टीम में शामिल दीपक चहर को डेब्यू का मौका मिलता है या नहीं. सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को हालांकि बुमराह का संभावित विकल्प माना जा रहा है. फरवरी के बाद यह पहला मौका था जब भारत के सभी बड़े खिलाड़ी एक साथ खेलते नजर आएंगे. इस दौरान खिलाड़ियों ने आईपीएल 2018 के बाद अच्छी वापसी की.
बेहद मुश्किल है टीम इंडिया के लिए प्लेइंग इलेवन का चयन
कप्तान कोहली और थिंक टैंक के बीच प्लेइंग इलेवन एक बड़ी समस्या है. कोहली खुद कह चुके हैं कि प्लेइंग इलेवन बनाना उनके लिए बड़ा सिरदर्द है. हालाकि इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ एक मजबूत भारतीय टीम उतरने की पूरी संभावना है. अगर किसी एक कलाई के स्पिनर को प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जाता है तो सिद्धार्थ कौल के नाम पर भी विचार किया जा सकता है. यह फैसला हालांकि पिच पर निर्भर करेगा लेकिन मैनचेस्टर के स्तर के हिसाब से दो दिन से काफी अधिक गर्मी पड़ी है और ऐसे में दोनों स्पिनरों को भी मौका मिल सकता है. टीम में हार्दिक पंड्या एकमात्र ऑलराउंडर है और ऐसे में उनके भाई कृणाल और चहर को अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.
मिडिल ऑर्डर में कोहली के अधिक बदलाव करने की उम्मीद नहीं है. कोहली, सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी मिडिल ऑर्डर के मजबूत स्तंभ हैं. टीम अगर किसी एक खिलाड़ी पर वितार कर सकती है तो वो हैं मनीष पांडे. पिछले दो मैच में इनके प्रदर्शन के बाद लग रहा है कि उन्हें बाहर कर रास्ता दिखाया जा सकता है. हालाकि एक ऐसे बल्लेबाज को टीम से बाहर करना आसान नहीं होगा जिसने पिछले 10 टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 92 की औसत और 127.18 के स्ट्राइक रेट के साथ 276 रन जुटाए हों.
कोहली ने आयरलैंड में संकेत दिया था कि टीम में किसी भी स्थान के लिए समान बदलाव होगा. इसका मतलब हुआ कि बैकअप सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल को बाहर बैठना पड़ सकता है और धोनी के विकल्प दिनेश कार्तिक के साथ भी ऐसा होगा. ऐसी स्थिति में भी पांडे को मौका मिलने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि अगर इस नियम पर चला जाता है तो 50 ओवर के फॉर्मेट में भारत की तैयारी प्रभावित हो सकती है क्योंकि राहुल और कार्तिक इस प्रारूप में मध्यक्रम में बल्लेबाजी के दावेदार हैं.