मंत्री ने बताया कि इसकी पहली यूनिट अक्टूबर में चालू हो जाएगी, जबकि नवंबर से बिहार को बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी। बिजलीघर की शेष दोनों इकाइयां अगले साल चालू होंगी। बिजलीघर का निर्माण नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एनपीजीसी) द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी का गठन बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी (पहले बिहार बिजली बोर्ड) और एनटीपीसी के 50:50 फीसदी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।
यहां 660 मेगावाट की तीन यूनिट का निर्माण हो रहा है। पहली यूनिट का निर्माण की अवधि पहले सितंबर तय की गई थी। इस बिजलीघर में बिहार को 78.40 फीसदी हिस्सेदारी दी गई है। बिजलीघर की उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट है, जिसमें बिहार को 1553 मेगावाट बिजली मिलेगी। पहली यूनिट से बिहार को लगभग 518 मेगावाट मिलेगी। मंगलवार को ऊर्जा मंत्री के साथ विभाग के प्रधान सचिव सह पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत, पावर जेनरेटिंग कंपनी के एमडी आर. लक्ष्मणन के अलावा एनपीजीसी के सीएमडी एनसी पांडेय और एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक केएस गैब्रियाल मौजूद थे। मंत्री ने बिजलीघर परिसर में पौधरोपण भी किया।
राजधानी समेत राज्य के जिला अनुमंडल मुख्यालयों में सात जुलाई से एलईडी बल्ब, ट्यूब, पंखा का वितरण शुरू होगा। जीएसटी लागू होने के बाद से वितरण बंद किया गया है। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के बिहार-झारखंड प्रभारी विवेक उत्पल ने बताया कि जिन एजेंसियों ने जीएसटी नंबर के साथ बिल उपलब्ध करा लिया है, उन एजेंसियों ने वितरण शुरू कर दिया है। जिला मुख्यालयों से दूर अनुमंडल मुख्यालयों में वितरण करने वाली एजेंसियों को जीएसटी नंबर के साथ बिल छपवाने में बिलंब होने की स्थिति में स्टाम्प लगाकर बिल देने का निर्देश दिया गया है।