एक साथ बुझ गए तीन घरों के चिरागः बूढ़ी गंडक नदी में डूबकर तीन युवकों की मौत, सैनिक बन देश सेवा करने की कर रहे थे तैयारी

खबरें बिहार की जानकारी

मुजफ्फरपुर के कांटी किशुनगर के तीन घरों के चिराग एक साथ बुझ गए। मीनापुर थाना अंतर्गत पानापुर ओपी के बहादुरपुर घाट पर बूढ़ी गंडक में नहाने के दौरान तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। एक को बचा लिया गया। मृतक राहुल, शिवम व बादल कांटी के किशुनगर गांव के रहनेवाले थे। तीनों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच थी। हादसा सोमवार को हुआ।

पानापुर ओपी प्रभारी हरेराम पासवान ने बताया कि प्रारंभिक छानबीन में नहाने के दौरान हादसे की बात आई है। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

परिजनों ने पुलिस को बताया कि अहले सुबह तीनों युवक अन्य साथियों के साथ नदी में नहाने गए थे। इस क्रम में बादल उर्फ विक्रांत गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने में शिवम व राहुल भी डूब गए। इसी दौरान डूब रहे छोटू कुमार को रौशन कुमार ने किसी तरह बचा लिया।

हादसे के बाद छोटू व रौशन ने घटना की जानकारी तीनों युवकों के घरवालों को दी। इसके बाद घाट पर भीड़ उमड़ पड़ी। करीब आठ बजे गोताखोरों ने राहुल व शिवम के शव को निकाला। घटना के करीब तीन घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची। काफी तलाश के बाद एनडीआरएफ को बादल का शव नदी से मिला।

तैयारी के लिए रोज जाते थे कांटी स्टेडियम

हादसे की खबर मिलते ही गांव में अफरातफरी मच गई। बादल, राहुल व शिवम के घर आसपास ही हैं। तीनों के परिवारवाले रोने-बिलखने लगे। राहुल व बादल अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे जबकि शिवम का एक छोटा भाई है।

राहुल के पिता आर्मी से रिटायर हैं। राहुल भी मर्चेंट नेवी की तैयारी में जुटा हुआ था। शिवम व बादल आर्मी की तैयारी कर रहे थे। दोनों के पिता किसान हैं। बादल आरसीएनडी कॉलेज में एनसीसी कैडेट्स भी था। तीनों हर दिन कांटी स्टेडियम में दौड़ने भी जाते थे। सोमवार की सुबह दौड़ने के बाद तीनों के साथ छोटू व रौशन भी नहाने गया था। तीनों गहरे दोस्त थे। घटना साढ़े पांच बजे सुबह की बताई गई है। दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव घर पर पहुंचते ही कोहराम मच गया। घटना पर पूर्व मंत्री अजीत कुमार, महेश प्रसाद साह, चंदेश्वर पासवान, गजेन्द्र पासवान, कारी साहु, राजकुमार भोला, हरिमोहन चौधरी, मुखिया शशि ठाकुर,
अभय शंकर ठाकुर ने शोक जताया।

बार-बार होते हादसे पर नहीं रहती सुरक्षा व्यवस्था

स्थानीय लोगों ने बताया कि खास अवसरों पर बहादुरपुर घाट पर कांटी व मीनापुर से श्रद्धालु जुटते हैं। पहले भी घाट पर डूबने से कई की जान जा चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से घाट पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं रहती है। लोगों ने कहा कि आगे से हादसे नहीं हो, इसके लिए पर्व-त्योहार के मौके पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था व गोताखोर की तैनाती होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *