बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को आरा (ARA) की एक महिला सुनीता कुमारी (Sunita Kumari) एंबुलेंस (Ambulance) में परीक्षा केंद्र पर पहुंचीं।
एक बारगी एंबुलेंस में आई महिला को देखकर केंद्र पर मौजूद सभी लोग हैरान हो गए। हालांकि, महिला की स्थिति समझने के बाद सभी ने उसके साहस की मिसाल दी। अंतत: महिला ने एंबुलेंस में ही परीक्षा दी।
रअसल, महिला ने बीती रात ही सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए बच्चे को जन्म दिया था। यह महिला गुरुवार को भी शहर के भूमिहार ब्राह्मण उच्च विद्यालय स्थित परीक्षा केंद्र पर पहले दिन की परीक्षा में शामिल हुई थी।
एक दिन पहले भी एग्जाम देकर लौटी थी घर
बताया जाता है कि गुरुवार को दूसरी पाली की परीक्षा संपन्न होने के बाद वह स्वजन के साथ आरा लौट गई थी। गर्भकाल पूरा होने और वाहन में लंबी यात्रा के असर से घर लौटते ही महिला के पेट में दर्द शुरू हुआ। इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां ऑपरेशन के जरिए उन्होंने बच्चे को जन्म दिया।
आम तौर पर ऐसे प्रसव के मामले में कम से कम सात दिनों तक अस्पताल में रखा जाता है, लेकिन सरकारी नौकरी का जुनून ऐसा कि वह शुक्रवार को दूसरे पेपर की परीक्षा नहीं छोड़ना चाहती थीं। उन्होंने स्वजन और चिकित्सक से इस बारे में बात की।
असमंजस में पड़ गए थे केंद्राधीक्षक
इसके बाद वह एंबुलेंस में एक नर्स के साथ परीक्षा देने पहुंच गईं। एंबुलेंस में महिला परीक्षार्थी को देखकर केंद्राधीक्षक परमात्मानंद यादव असमंजस में पड़ गए। उन्होंने इसकी सूचना जिला कंट्रोल रूम को दी।
विभाग से भी उन्होंने इस बारे में मशविरा किया। दोनों जगहों से हरी झंडी मिलने के बाद उन्होंने महिला को एंबुलेंस में ही परीक्षा देने की इजाजत दे दी, उसके बाद महिला ने दूसरी पाली की परीक्षा दी और घर लौट गई। बीबी हाईस्कूल परीक्षा केंद्र पर यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। इस दौरान लोगों ने महिला के अदम्य साहस की प्रशंसा की।