मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे हैं तो जरा रुकें और यह खबर पढ़ लें। क्योंकि, प्रशासन ने इस बार मूर्ति विसर्जन के लिए कुछ निर्देश जारी किया है।
नदी की सफाई और स्वच्छता बरकार रखने के लिए NGT ने सभी डीएम को लेटर लिखा है।
बिहार के सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारियों को मूर्ति विसर्जन के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने परामर्श जारी किया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश का अनुपालन कराने को कहा गया है।
नदी, तालाब, झील, सरोवर सहित अन्य जल स्रोत में मूर्ति के साथ नॉन बायोडिग्रेबल सामग्री (नष्ट न होने वाला कचरा) के विसर्जन पर पाबंदी लगा दी है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी पत्र के अनुसार मूर्ति के निर्माण में परंपरागत मिट्टी और धुलनशील रंग का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस, विषैले रसायनिक रंगों और सजावट का यदि मूर्ति में किया गया हो तो विसर्जन के पूर्व हटा लेने का परामर्श दिया गया है।
प्रतिमा के निर्माण में उपयोग किए गए बांस को जल स्रोत में विसर्जन के बजाए अलग कर दूसरे कार्य में उपयोग करने को कहा गया है।
फूल-माला सहित अन्य पूजन सामग्री को नदी में फेंकने के बजाए विधि सम्मत तरीके से प्रबंधन करने पर जोर दिया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पूजा के मौके पर वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण को रोकने के लिए अलग-अलग प्रबंध करने को कहा है।
मुख्य रूप से नगर निगम और जिलाधिकारी को प्रदूषण नियंत्रण संबंधित कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी है।