दुनिया में 3 अरब से अधिक लोग सेहतमंद भोजन यानी हेल्दी डाइट का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, 3 बिलियन से अधिक लोग स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 52 देशों में आधी से अधिक आबादी हेल्दी डाइटर का खर्च नहीं उठा सकती। इनमें से अधिकांश अफ्रीका में हैं, बाकी एशिया, ओशिनिया और अमेरिका में स्थित हैं।इनमें से एशिया में सबसे अधिक है 1.89 अरब लोग हैं, जो स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। इनमें से 97.3 करोड़ लोग अकेले भारत में हैं। अन्य 1 अरब लोग अफ्रीका में हैं, जिसमें लगभग 15.1 करड़ लोग अमेरिका और ओशिनिया में हैं।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। कई अफ्रीकी देशों ने संघर्ष में दोनों देशों से अपने गेहूं का 50% से अधिक आयात किया है। कई अफ्रीकी देशों में खाद्य मुद्रास्फीति दो अंकों में आ गई है। इसका अर्थ है कि बहुत से लोगों के लिए हेल्दी डाइट का खर्च उठाना मुश्किल होगा
विश्व 42.0% आबरदी स्वस्थ आहार से वंचित, हेल्दी डाइट पर प्रति व्यक्ति 3.5 डॉलर प्रति दिन पड़ता है
माली में 74.3% जनसंख्या स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकती। यहां प्रति व्यक्ति पर हेल्दी डाइट का खर्च 3.1 डॉलर है। वहीं, बांग्लादेश की 73.5% जनता हेल्दी डाइट का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है। यह एक व्यक्ति पर स्वस्थ आहार का खर्च 3.1 डॉलर है। आंकड़ों के मुताबिक मिस्र की 72.9% आबादी हेल्दी डाइट का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है। यह एक व्यक्ति पर स्वस्थ आहार का खर्च 3.4 डॉलर है। वहीं, भारत में 70.5% लोग हेल्दी डाइट नहीं खरीद सकते। यहां ,हेल्दी डाइट के लिए एक दिन में एक व्यक्ति को $3.0 या 244.35 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
जनसंख्या वृद्धि और खाद्य असुरक्षा
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के नवंबर में वैश्विक जनसंख्या 8 अरब लोगों को पार करने का अनुमान है। वहीं, 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में 35% की वृद्धि होने की संभावना है। इसको देखते हुए भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, फसल उत्पादन को दोगुना करने की आवश्यकता होगी।