दुनिया का सबसे छोटा चम्मच बनाकर बिहार के शशिकांत ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, तीसरी बार गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम

जानकारी

 बिहार के रहने वाले 25 वर्षीय शशिकांत प्रजापति ने दुनिया का सबसे छोटा चम्मच बनाकर विश्व में एक रिकॉर्ड स्थपित कर दिया है। शशिकांत ने जो चम्मच बनाई है, वह लकड़ी की है। उसकी लंबाई 1.6 मिलीमीटर या 0.06 इंच है।

एक तरह से यह भी कह सकते हैं कि इस चम्मच की लंबाई चावल के दाने से भी छोटी है। क्योंकि चावल के दाने की लंबाई भी कम से कम 3 मिलीमीटर तक होती है।

पहले इनके नाम था रिकॉर्ड

इस अनोखे कारनामे के लिए शशिकांत का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड भारत के नवरतन प्रजापति मूर्तिकर के नाम था। उन्होंने 2022 में 2 मिमी (0.07 इंच) का चम्मच बनाकर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। अब शशिकांत ने उनसे भी छोटा चम्मच बनाकर उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

शिल्प चाकू व सर्जिकल ब्लेड की मदद से बनाया चम्मच

शशिकांत ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद कहा कि लकड़ी से चम्मच बनाना काफी आसान है, लेकिन दुनिया का सबसे छोटा लकड़ी का चम्मच बनाना कठिन काम है।

बता दें कि इस रिकॉर्ड के नियम चम्मच को एक साथ जुड़े लकड़ी के कई टुकड़ों से बनाने की अनुमति देते हैं, लेकिन शशिकांत ने एक शिल्प चाकू व एक सर्जिकल ब्लेड का उपयोग करके लकड़ी के एक टुकड़े से चम्मच को कुशलतापूर्वक बनाया है।

पहले भी बना चुके हैं रिकॉर्ड

शशिकांत ने कहा कि 2 मिलीमीटर से छोटा चम्मच बनाना बहुत मुश्किल था, लेकिन कई प्रयासों के बाद मैं सफल रहा। इससे पहले, उन्होंने दो बार पेंसिल लीड से सबसे अधिक चेन लिंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। पहले 2020 में शशिकांत ने कुल 126 चेन लिंक बनाकर पहला रिकॉर्ड बनाया।

फिर 2021 में कुल 236 चेन लिंक के साथ दूसरा रिकॉर्ड स्थापित किया। हालांकि, अब यह रिकॉर्ड कवियारासन सेल्वम (भारत) के नाम है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में अविश्वसनीय रूप से 617 लीड लिंक बनाए थे।

बिहार के सदानंद का भी गिनीज बुक में नाम

शशिकांत बिहार के पहले व्यक्ति नहीं है। जिनका नाम किसी कारनामे के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इससे पहले 2018 में कटिहार के सदानंद पॉल का नाम भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।

उन्होंने एक महीने में प्रकाशित संपादकों के नाम सबसे अधिक पत्र लिखकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने 1 मार्च से 31 मार्च 2018 तक संपादकों के नाम कुल 56 पत्र लिखे थे।

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