Patna: बिहार में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए बिहार सरकार ने लोगों को लाइसेंस देते समय ड्राइविंग टेस्ट को स्मार्ट एवं हाईटेक बनाने की तैयारी में है। इसके बाद इस साल के दिसंबर तक राजधानी पटना औरंगाबाद जिलों की तर्ज पर बिहार में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने फंड भी आवंटित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, बिहार के सभी जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण के लिए 20 बड़े जिलों को 75 -75 लाख रुपये जारी कर दिया गया था। इसके साथ ही छोटे जिलों के लिए 50 -50 लाख जारी कर दिया गया था। बताया जा रहा हैं की सरकार के इस निर्णय के बाद आने वाले दिनों में ड्राइविंग की परीक्षा मैनुअल के बजाय स्मार्ट तकनीक से होगी।
ट्रैक बन जाने के बाद बिना परीक्षा दिए ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकेगा। बता दे की राजधानी पटना के फुलवारी में भी ऐसा ट्रैक लगभग तैयार हो गया है। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में जगह चिह्नित की जा चुकी है। बताया जा रहा हैं की अन्य 35 जिलों में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की जमीन लीज पर लेकर ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण करने की योजना बनाई जा रही हैं।
आटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक में ड्राइविंग टेस्ट के लिए डिवाइडर, जेबरा क्रासिंग, सिग्नल, स्पीड नियंत्रण बोर्ड आदि लगा होगा। इसके अलावा कैमरा और सेंसर भी लगाया जाएगा। गाड़ी चलाने व दाएं- बाएं करने के अलावा गति बढ़ाने और रोकने में अभ्यर्थी कितने दक्ष हैं, इन सभी मानकों पर अंक दिए जाएंगे। गलती करने पर अंक भी काटे जाएंगे। कंप्यूटर के द्वारा ही पूरी रिपोर्ट तैयार होगी।