बिहार के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन सिंह को विश्व हिंदू परिषद के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद की चल रही केंद्रीय प्रबंधन समिति और प्रन्यासी मंडल की दो दिवसीय बैठक में उनके नाम पर मोहर लगी है. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले दिन ही डॉ. आरएन सिंह को अध्यक्ष पद के लिए चुन लिया गया.
सिंह पूर्व न्यायाधीश विष्णु सदाशिव कोकजे का स्थान लेंगे. नए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ. आरएन सिंह ने कहा कि जिस विश्वास के साथ मुझे जिम्मेदारी दी गई है, उस पर खरे उतरने की पूरी कोशिश होगी. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें बहुत काम करना है.
डॉ. आरएन सिंह का बिहार सहित देश भर में हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में बड़ा नाम है. हड्डी विशेषज्ञ और सर्जन के रूप में आरएन सिंह ने कई ऐसे सफल ऑपरेशन किये और मरीजों को ठीक किया है जो दूसरी जगह संभव नहीं होता था. इन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में कई ऐसे अभिनव प्रयोग किये जिसे दुनिया भर में सराहा गया. चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2010 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था.
डॉ. आरएन सिंह सहरसा के गोलमा गांव के निवासी हैं. इनका पूरा नाम रविन्द्र नारायण सिंह है. ये सत्र न्यायाधीश स्व. राधाबल्लभ सिंह के सबसे छोटे पुत्र हैं. डा. आरएन सिंह प्रसिद्ध अस्थि शल्य चिकित्सक हैं. स्कूली शिक्षा कटिहार और पटना में पूरा करने के बाद आरएन सिंह को MBBS की परीक्षा में पास करने के बाद PMCH में दाखिला मिला, जहां से इन्होंने MBBS की डिग्री ली. इसके बाद ये NMCH पटना के प्राध्यापक बने. उन्होंने पीएमसीएच से एमबीबीएस करने के बाद लगभग एक दशक लंदन में एफआरसीएस व अन्य डिग्री हासिल की. वहां डिग्री लेने के बाद वही नौकरी करने लगे. बाद में पिता के कहने पर 1981 में वापस लौटे और पटना में हड्डी का अस्पताल खोला.
डॉ. आरएन सिंह जब लंदन में थे तभी विश्व हिंदू परिषद से जुड़ गए थे. जब लंदन में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े तो उसके बाद लगातार संगठन के लिये काम करते रहे और लोगों को संगठन से जोड़ते रहे. अभी तक वो विश्व हिंदू परिषद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे थे.
डॉ. आरएन सिंह की प्रारंभ से ही इनकी रुचि समाज सेवा में रही है. देश के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ होने के साथ सामाजिक कार्यों में उनका लगाव हमेशा से रहा है. साथ ही साथ शहर के कई सामाजिक संगठनों से भी उनका जुड़ाव है. सामाजिक कार्यों में उनकी भागीदारी हमेशा रहती है. दृष्टिहीन बालिकाओं के लिए पटना में एक आवासीय विद्यालय भी इनके द्वार चलाया जाता है.
डॉ. सिंह बिहार नेत्रहीन परिषद और बिहार कुष्ठ सेवा संघ के अध्यक्ष भी हैं. इन्होंने गरीबों के मसीहा के नाम से प्रचलित प्रख्यात चिकित्सक डॉ. शिव नारायण सिंह के नाम पर स्पोर्ट्स फाउंडेशन की स्थापना की है. अभी वे डॉ. शिवनारायण सिंह स्पोर्ट्स फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक हैं. डॉ. आरएन सिंह ने पटना में अतिव्यस्त रहने के बावजूद उन्होंने गांव से अपना रिश्ता हमेशा बनाए रखा. इन्होंने गांव में करोड़ों की लागत से 100 बेड का गोलमा जेनरल अस्पताल खोला और महीने में दो दिन आकर लोगों का खुद इलाज करते हैं.