DMCH इमरजेंसी और ओपीडी में इलाज ठप, धरने पर बैठे केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन सदस्य; इस वजह से हुआ था विवाद

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डीएमसीएच के पास शुक्रवार की देर रात हुई आगजनी और पथराव के बाद रात तीन बजे से ही जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी में इलाज ठप कर दिया है। इस वजह से डीएमसीएच में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सुबह से ही घटनास्थल पर जुटे हुए हैं।

लोगों के जमावड़े और आक्रोश को देखते हुए जूनियर डॉक्टर भय से अस्पताल नहीं आ रहे हैं। आईएमए के जिला सचिव डॉ. आमोद कुमार झा ने विज्ञप्ति जारी कर इस घटना पर खेद व्यक्त किया है और राज्य सरकार से घटना की त्वरित जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उधर, दरभंगा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इस घटना के खिलाफ सभी दवा दुकानों को बंद रखने का आह्वान किया है।

घटना के विरोध में उन्होंने दरभंगा-लहेरियासराय रोड को नाका नंबर छह के पास जाम कर दिया है। सड़क पर बांस-बल्ला लगाकर वे धरने पर बैठ गए हैं। वे दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। उधर, घटना की जांच के लिए सदर एसडीओ स्पर्श गुप्ता और एसडीपीओ कृष्ण नंदन कुमार मौके पर पहुंच गए हैं। वे स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।

बता दें कि शुक्रवार की डर रात डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों और एक दवा दुकान के मालिक के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने तीन दुकानों में आग लगा दी। इस घटना में एक मोटर ट्रेनिंग स्कूल की दो कार भी जलकर राख हो गयी। आग बुझाने के दौरान कार में लगे गैस सिलिंडर के फटने से फायर ब्रिगेड के दो कर्मी घायल हो गए।

इनमें से एक कर्मी गंभीर है। उसका इलाज शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उधर, पीड़ित दुकानदार का कहना है कि जूनियर डॉक्टर शराब के नशे में थे। दवा दुकान में ही जेनरल स्टोर संचालित है। उन्होंने दुकानदार से मैगी मांगी। देने में विलंब होने पर विवाद शुरू हुआ। फिलहाल डीएमसीएच परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वरीय अधिकारी घटना की जानकारी ले रहे हैं।

 

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