जब दिल टूटता है तो हौसला भी टूट जाता है और इंसान डिप्रेशन में चला जाता है। फिर आदमी के सोचने-समझने की शक्ति भी चली जाती है। फिर वो ये नहीं सोचता कि वो किस पद पर है। ऐसा ही हुआ DM मुकेश पांडेय के साथ।
मुकेश पांडे 2012 बैच के आईएएस अफसर थे और फिलहाल बक्सर के डीएम के पद पर काम कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में जॉइन किया था। मुकेश ने 2 दिन पहले बक्सर छोड़ा था। अपने अधिकारियों को ये बताया कि वो पटना जा रहे हैं। किसी को नहीं पता था कि वो दिल्ली पहुंचे हुए हैं। दिल्ली आकर वो होटल लीला पैलेस में रुके थे।
कल शाम 6 बजे के करीब मुकेश ने अपने एक रिलेटिव को whatsapp पर मैसेज किया। लिखा, “मैं दिल्ली के जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर में हूं, जो होटल पिकैडली के पास है। यहां की 10वीं मंजिल से कूद कर ख़ुदकुशी करने वाला हूं। मैं ज़िंदगी से तंग आ चुका हूं और मनुष्य के अस्तित्व में मेरा विश्वास ख़त्म हो चुका है।
मेरा सुसाइड नोट मेरे बैग में है, जो होटल लीला पैलेस के रूम नंबर 742 में रखा हुआ है। आई एम सॉरी। आई लव यू ऑल। मुझे माफ़ कर देना।” जिसे मैसेज मिला उस शख्स ने तुरंत दिल्ली पुलिस को ख़बर कर दी। दिल्ली पुलिस आनन-फानन जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर पहुंची। लेकिन उन्हें मुकेश पांडे का अता-पता न मिला।
उन्होंने वहां की CCTV फुटेज भी चेक की। जिसमें शाम 5 बजकर 55 मिनट पर वो मॉल से बाहर निकलते नज़र आ रहे हैं। वहां से वो मेट्रो स्टेशन की तरफ जाते हुए दिखे। उसके बाद उनका कोई सुराग न मिला।
रात 9 बजे पता चला कि उन्होंने गाज़ियाबाद रेल्वे स्टेशन के पास पद्मावत एक्सप्रेस के आगे कूदकर ख़ुदकुशी कर ली है। उनका क्षत-विक्षत शव रेलवे ट्रैक पर से बरामद हुआ।
गाज़ियाबाद जीआरपी के एसएचओ सोमवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके पास से पर्स, आई-कार्ड और सुसाइड नोट मिला है। इस वाले सुसाइड नोट में लिखा है,
“मैं मुकेश कुमार, आईएएस, 2012 बैच, बक्सर में पोस्टेड हूं। मैं अपनी मर्ज़ी से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत के बाद मेरे रिश्तेदारों को ख़बर कर देना। मैं होटल लीला पैलेस के रूम नंबर 742 में रह रहा हूं। मेरे बैग में मेरा विस्तृत सुसाइड नोट है।”
इसके साथ ही दो-तीन लोगों के नाम और मोबाइल नंबर भी लिखे हुए थे। अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मुकेश पांडे ने ख़ुदकुशी क्यों की? मुकेश पांडे की पत्नी का घर दिल्ली में ही है। इन दिनों वो अपने माता-पिता के पास आई हुई हैं।
मुकेश की एक तीन महीने की बच्ची भी है। घटना की जानकारी मिलने पर वो सब लोग मौके पर पहुंचे। पूरा परिवार सदमे में है कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया?
ये भी हैरानी की बात है कि दिल्ली में ससुराल होने के बावजूद मुकेश होटल में क्यों रुके थे? इस घटना ने एक बड़ा प्रश्न सामने ला दिया है कि आखिर कौन सी ऐसी परिस्थितियां होती हैं जो बड़े-से-बड़े हिम्मती व्यक्ति को भी तोड़ देती है और वो आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है।