दिवाली आते ही हमारे घर आंगन में हर तरफ हर्ष उल्लास का माहौल बन जाता है. इसकी तैयारी को लेकर लोग महीनों से लगे हुए होते हैं. ऐसे में ये दिवाली और भी खास तब हो जाती है जब हमें इसको मनाने का महत्व और मुहूर्त दोनों पता हो.
मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण के लिए निकलती हैं. हर कोई मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार, पूजा और प्रसाद चढ़ाता है. मगर, आज हम आपको ऐसे पांच प्रसाद के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है.
लक्ष्मी माता का प्रिय फल होने के कारण ही नारियल को श्रीफल कहा गया है. मां लक्ष्मी को नारियल का लड्डू, कच्चा नारियल और जल से भरा नारियल अर्पित करने वाले पर वह प्रसन्न होती हैं.
मां लक्ष्मी को पानी में उगने वाला फल मखाना बहुत प्रिय है. इसका कारण यह है कि यह पानी में एक कठोर आवरण में बढ़ता है और इसलिए यह हर तरह से शुद्ध और पवित्र होता है. पानी में ही पैदा होने वाला एक और फल सिंघाड़ा भी मां लक्ष्मी के पसंदीदा फलों में से एक है. यह मौसमी फल है और सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद भी है.
चंद्रमा को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है. चंद्रमा को सफेद वस्तु, औषधियों, 16 कलाओं का राजा माना जाता है. बताशे का संबंध भी चंद्रमा से होता है और यही वजह है कि बताशे मां लक्ष्मी को भी प्रिय हैं. इसीलिए दिवाली पर बताशे और चीनी के खिलौने का प्रसाद मां लक्ष्मी को लगाया जाता है. धन की देवी कही जाने वाली माता लक्ष्मी को पान बहुत पसंद है.
इसलिए पूजा के बाद देवी को पान का भोग जरूर लगाना चाहिए. इसके अलावा आप अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार, मां को फल, मिठाई, मेवे का भोग लगा सकते हैं.
इस दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ
दिवाली के त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं. दिवाली पर दिये जलाना शुभ होता है और दिए के बिना तो दिवाली की कल्पना भी नहीं की जा सकती. दिवाली से पहले ही घरों में दिए जलाकर रखे जाएंगे और दिवाली वाले दिन तो पूरे घर में ही मिट्टी के कच्चे दिए रखने की परंपरा है. हालांकि, आज कई घरों में बिजली की झालरों को सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है. फिर भी कम से कम 11 दिए तो जलाए ही जाते हैं. जो शुभ माने जाते हैं.
इसके अलावा पूजा के लिए भी दीपक जलाया जाता है. वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दीपक की लौ किस दिशा में रखनी चाहिए और उससे क्या लाभ मिलेगा. इसके साथ ही दीपक को जलाने से पहले कौन का मंत्र पढ़ना चाहिए.
पूर्व दिशा – दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है.
पश्चिम दिशा – दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है.
उत्तर दिशा – दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है.
दक्षिण दिशा- दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है. यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है.
किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है
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