शंकर अपनी संघर्ष के प्रेरणा के रूप में स्टीफन हाकिंग के साथ साथ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी आदर्श मानते है. शंकर के अनुसार नरेन्द्र मोदी और महेंद्र सिंह धोनी सामान्य पृष्ठभूमि से होते हुये जिस तरह की सफ़लता अर्जित की है वो उन्हें हमेशा उर्जा देती है कि वो आगे चलकर कुछ ऐसा ही काम करे ।जिससे देश का नाम रौशन कर सके.
२२ वर्ष की उम्र में शंकर ने शारीरिक अक्षमता को दरकिनार करते हुये एक शिक्षाविद, सामजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक और राजनैतिक सुधारक के रूप में जो यात्रा शुरू की है उम्मीद है कि वो वास्तव में काबिल-ए-तारीफ़ है और आशा की जाती है कि समाज और देश के लिये उपयोगी साबित होगी. शंकर के इस प्रयास में जिन 2 लोगो का अमूल्य योगदान है उनका परिचय देना भी नितांत आवश्यक है.
शंकर के,मार्गदर्शक एवं भाई -डॉ.गिरीश कुमार सिंह, बड़े भाई रंजीत सिंह और उनके भांजा- सौरभ सिंह ने सेवा का जो आदर्श प्रस्तुत किया है वो आज बहुत कम ही दिखता है. इन तीनो लोगो ने शंकर के संघर्ष में कई त्याग किये है जिनके कारण शंकर को सफलता मिली है।