ढहाए जा रहे भारत-नेपाल सीमा के बीच नो मेंस लैंड पर बने घर, अतिक्रमण हटने से तस्करी पर लगेगी रोक

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 भारत-नेपाल सीमा के बीच नो मेंस लैंड को अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है। अररिया जिले के जोगबनी में भारत-नेपाल के बीच नो मेंस लैंड से अतिक्रमण हटाने के बाद दोनों तरफ से होने वाली तस्करी पर भी अंकुश लगेगा।

तोड़े जा रहे अवैध घर

यहां सात किमी लंबाई में दोनों तरफ लोगों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया था। सीमा के दोनों तरफ बने घर एक दूसरे से जुड़े होने के कारण तस्कर एसएसबी जवानों की आंखों में धूल झोंकने में सफल हो जाते थे। इस रास्ते आसानी से नशीली दवाओं, सोना और अन्य सामानों की तस्करी की जाती थी।

हाल के दिनों में सीमा के दोनों तरफ सख्ती किए जाने के बाद भी तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे। नो मैन्स लैंड पर बने अवैध घर तोड़े जाने के बाद तस्करी पर अंकुश लगेगा। अररिया के पड़ोसी जिला सुपौल में पहले ही नो मैंस लैंड से अतिक्रमण हटाया जा चुका है, किशनगंज में एसएसबी ने सीमांकन के लिए स्थानीय सीओ को पत्र लिखा है।

बढ़ गई थी तस्करी

हाल के कुछ दिनों से नेपाल सीमा के रास्ते नशीले पदार्थों और सोना की तस्करी बढ़ गई थी। अभी दस दिन पहले ही कटिहार के एक दंपती को आठ लाख रुपये के सोना के साथ गिरफ्तार किया गया था। नेपाल में टैक्स कम लगने के कारण सोना भारत की तुलना में सस्ता है। इस कारण तस्कर सक्रिय हो गए हैं।

इसके अलावा शराब, नशीली दवाएं, कपड़े और अन्य सामान आए दिन पकड़े जा रहे हैं। इन सबमें नो मेंस लैंड पर बने घर सक्रिय भूमिका निभाते थे।

नो मेंस लैंड पर घर की संरचना ऐसी बनी थी कि तस्कर नेपाल की तरफ से उसमें प्रवेश करते थे और भारत की तरफ बने दरवाजे से निकल जाते थे। सुरक्षा बलों को लगता था कि वे अपने घर से निकल रहे हैं। इस तरह तस्कर नेपाल सुरक्षा प्रहरी और एसएसबी जवानों की आंख में धूल झोंकने में सफल हो जाते थे। अतिक्रमण हटने के बाद इस पर अंकुश लग जाएगा।

अररिया जिले में भारत और नेपाल की सीमा 110 किलोमीटर में फैली है। इनमें से जोगबनी में छः से सात किलोमीटर में नो मेंस लैंड में घनी अबादी थी। गुरुवार और शुक्रवार को सीमा के दोनों तरफ अवैध निर्माण को हटाया गया। जोगबनी की तरफ जेसीबी की सहायता से 208 घर ढहाए गए।

भारत और नेपाल की खुली सीमा सुपौल में 65 किलोमीटर और 70 किलोमीटर लंबी है। पिछले महीने सुपौल के कुनौली बाजार में नो मेंस लैंड पर कब्जा किए 30 अतिक्रमणकारियों के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया था।

एसएसबी 45वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट ने बताया कि अब मधुबनी जिले के न्योर में अतिक्रमण रह गया है, जिसे डीएम से बात कर हटाया जाएगा।

किशनगंज में भारत और नेपाल की खुली सीमा 70 किलोमीटर लंबी है। यहां भी कई जगहों पर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमणकारियों ने घर बना लिया है। इन्हें ध्वस्त करने की तैयारी शुरू हो गई है।

एसएसबी ने नो मेंस लैंड के सीमांकन के लिए सीमा से लगने वाले टेढ़ागाछ, दीघलबैंक और ठाकुरगंज सहित तीन प्रखंडों के अंचलाधिकारियों से पत्राचार किया है।

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