किसान परंपरागत खेती में धान, गेहूं या फिर मक्का की खेती छोड़कर एकीकृत बागवानी कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. बागवानी से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है. बेगूसराय के किसान भी अब बड़े पैमाने पर एकीकृत बागवानी करना शुरू कर दिया है. किसान शंभू सिंह भी पिछले 8 वर्षो से केले की बागवानी कर रहे हैं. केला की बागवानी से न सिर्फ इनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है बल्कि उपज भी बेहतर हो रहा है.
हालांकि बागवानी के लिए उद्यान विभाग भी किसानों को प्रेरित कर रहा है. केले की बागवानी शुरू करने के लिए विभाग 75 फीसदी तक अनुदान भी दे रहा है. किसानों को एक हेक्टेयर में केला की बागवानी करने पर 62,500 रुपये तक का अनुदान सरकार की तरफ से मिल रहा है. किसान उद्यान विभाग के योजना का लाभ लेकर अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं.
8 वर्षो से केला की कर रहे हैं बागवानी
बेगूसराय जिला अंतर्गत चेरिया बरियारपुर गांव के रहने वाले किसान शंभू सिंह ने बताया कि पिछले 8 वर्षों से केले की बागवानी कर रहे हैं. केले की बागवानी का आईडिया घूमने के लिए जाने के दौरान भागलपुर से मिला था. 2015 में भागलपुर से ही टिशू कल्चर लेकर केले की बागवानी शुरू की. आगे चलकर कृषि विभाग के द्वारा केले की बागवानी के लिए योजनाएं संचालित की गई. तब G-9 वेरायटी का टिश्यू कल्चर उपलब्ध कराया गया. साथ हीं 75 फीसदी अनुदान की राशि भी उपलब्ध कराया गया. वहीं केला की बागवानी में परेशानी की बात की जाए तो मजदूरों का न मिलना है
कितनी होती है कमाई
किसान शंभू सिंह का मानना है कि केले की बागवानी में आमदनी दोगुनी होती है. एक एकड़ में केले की बागवानी में 1 लाख 40 हज़ार ख़र्च आता है. जबकि 1 लाख 40 हज़ार कमाई भी होती है. किसान शंभू सिंह ने बताया कि दो एकड़ में केले की बागवानी कर 2 लाख 80 हज़ार की कमाई कर रहे हैं. वहीं लागत मूल्य का 75 फीसदी यानी 1 लाख 25 हज़ार सरकारी सहायता भी अनुदान के रूप में प्राप्त कर रहे हैं.