दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के छात्रावास में नियमों का पालन नहीं हो पा रहा। परिसर छात्रावास कम आमलोगों के आवागमन और दुकानदारी का साधन ज्यादा लगता है। परिसर की घेराबंदी नहीं होने के कारण सबकी मनमानी चलती है। नतीजा यहां न तो पढ़ाई का माहौल रह जाता है। नहीं इलाज के प्रति गंभीरता। नतीजा हंगामे के माहौल ने यहां स्थाई डेरा जमा रखा है।
लचर व्यवस्था के बीच कैंटीन भी अवैध
मेडिकल कालेज के छात्रावास में नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। यहां की व्यवस्था समय के साथ लचर हो गई है। एमबीबीएस के छात्रों के रहने के लिए अलग से पुरुष छात्रावास है, लेकिन एमबीबीएस छात्रों के बीच पीजी छात्र भी रहते हैं। बताते हैं कि पीजी छात्राओं के लिए अलग से छात्रावास की व्यवस्था नहीं है। हद तो यह कि यहां अधिकृत रूप से कैंटीन की व्यवस्था नही है। फिर भी यहां अनाधिकृत तौर पर कैंटीन संचालित है। जानकार बताते हैं कि नियम अनुरूप एमबीबीएस छात्रावास रात में नौ बजे बंद कर दिया जाना है। फिर सुबह में खोला जाना है। इस बीच पीजी छात्रों के यहां रहने के कारण इस नियम का भी पालन नहीं हो पा रहा है। नतीजतन जब मन करता है छात्र रात में हास्टल से निकल जाते हैं और कभी-कभार हंगामा भी हो जाता है।
छात्रावास अधीक्षक, उपाधीक्षक, वार्डेन व प्रोफेट की तैनाती फिर भी नियमों की अनदेखी
मेडिकल कालेज में कुल नौ छात्रावास छात्रों के लिए और दो छात्राओं के लिए बने हैं। उनमें कुल 550 से अधिक छात्र-छात्राएं रहते हैं। नियमों का पालन सख्ती से कराने के लिए सभी छात्रावास के लिए कुल 11 छात्रावास अधीक्षक तैनात हैं। ग्यारह उपाधीक्षक , ग्यारह वार्डेन और ग्यारह प्रोफेट भी तैनात हैं। इसके अलावा गार्ड भी तैनात किए गए हैं। छात्रावास से रात नौ बजे के बाद किसी के भी बाहर जाने पर पाबंदी है। बावजूद इसके छात्रावास के बंद और खुलने के नियम लागू नहीं है। उधर, छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के लिए केंद्रीय लाइब्रेरी रात 12 बजे तक खुली रहती है। कुल मिलाकर सिस्टम सख्त नहीं होने के कारण हंगामा आम बात है।
450 एमबीबीएस छात्रों ने खाली किया छात्रावास, पसरा सन्नाटा
दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के पास हुए हंगामे व आगजनी के बाद कालेज प्राचार्य के आदेश के बाद 24 घंटे में एमबीबीएस के कुल 550 छात्र-छात्राओं में से 450 ने छात्रावास खाली कर दिया है। इस कारण छात्रावास, केंद्रीय पुस्तकालय और लेक्चर थिएटर सन्नाटे में तब्दील हो गया है। इससे पहले इन छात्रावासों से लेकर लेक्चर थिएटर तक चहल पहल रहती थी। केंद्रीय पुस्तकालय में छात्र 12 बजे रात तक पठन-पाठन करते थे। हालांकि, इसमें से उन छात्रों को छात्रावास खाली करने से मुक्त रखा गया है जो अस्पताल के वार्डों में इंटर्नशिप कर रहे हैं या फिर जिनकी परीक्षा है। बता दें कि शुक्रवार की रात दुकानदार और छात्रों के बीच मारपीट और आगजनी की घटना हुई थी। परिसर में तनाव हो गया है। इसको लेकर प्राचार्य ने 12 मार्च को छात्रों को छात्रावास खाली करने और कालेज को 21 मार्च तक के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है। प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने बताया कि सभी छात्र छात्रावास खाली कर दिया है। इसके साथ ही सभी छात्रावास अधिकारियों और कर्मियों की बैठक कर शीघ्र व्यवस्था को अपडेट करने की दिशा में सख्त निर्णय लिए जाएंगे।
बोले प्राचार्य
यूजी छात्रावास को खाली करने का आदेश दिया गया है। इसे खाली कराया गया या नहीं, इसको लेकर वार्डेन को पत्र जारी किया जा रहा है। कितने इंटर्न्स छात्र-छात्राओं को वार्डों में लगाया गया है। इसकी सूची तलब की जा रही है। ऐसे छात्र-छात्राओं को इस छुट्टी से अलग रखा जाएगा। -डा. केएन मिश्रा प्राचार्य, दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल