दरंभगा एम्स एक बार चर्चा में आ गया है। यह मामला सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रख दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि पीएम के सामने इस मुद्दे को दरभंगा के रहने वाले एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने उठाया है। बता दें कि बिहार की सियासत में दरभंगा एम्स के मसले पर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने हैं।
इसे लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों ओर से कई बार तीखी बयानबाजी भी हो चुकी है। वहीं, शनिवार को ही बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दरभंगा एम्स को लेकर बयान दिया था।
प्रधानमंत्री से मेट्रो में हुई मुलाकात तो कर डाली एम्स की मांग
दरअसल, हुआ यूं कि दरभंगा के रहने वाले एक सेवानिवृत्त शिक्षक राम बहादुर साह रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो में सफर कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात करने की इच्छा जताई। इसके बाद जब बातचीत हुई तो रिटायर्ड शिक्षक ने सीधे पीएम से दरभंगा में एम्स बनाने की मांग रख दी।
कौन हैं रामबहादुर साह, कैसे हुई प्रधानमंत्री मोदी से बात
राम बहादुर साह दरभंगा के केवटी के पचाढ़ी निवासी हैं। वह रविवार को निठाला मेट्रो से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन जा रहे थे। इस क्रम में उन्हें न तो कोई वीआइपी मूवमेंट नजर आया कि न किसी अधिकारी ने उनका नाम व पता ही पूछा।
साह बिल्कुल आम यात्रियों के साथ जब सफर करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन पहुंचे तो अचानक कुछ सुरक्षाकर्मी उनके पास पहुंचे। सुरक्षा कर्मियों ने साह से कहा कि आपसे प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं।
सोचा था मोबाइल पर बात होगी : साह
प्रधानमंत्री का नाम सुनते ही साह खुशी से झूम उठे। उन्हें सहसा विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब दोबारा जानने की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आपसे ही प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं। उन्हें लगा कि शायद मोबाइल पर बात कराएंगे।
मैंने कहा- मोबाइल दीजिए। इस पर सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि आमने-सामने बैठकर प्रधानमंत्री बात करेंगे। यह सुनकर आश्चर्य लगा। इसके बाद सुरक्षाकर्मी बुलाकर बगल वाली बोगी में ले गए। जहां प्रधानमंत्री आम यात्रियों के बीच सीट पर बैठे नजर आए।
मुझे प्रधानमंत्री के बगल में बैठाया : राम बहादुर
साह ने कहा कि मुझे वहां जाते ही प्रधानमंत्री के बगल में बैठाया गया। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने उनसे हाल चाल पूछते हुए परिचय लिया। जैसे ही साह ने बिहार के दरभंगा से होने की बात कही तो प्रधानमंत्री ने दिल्ली आने का औचित्य जानने की कोशिश की।
इस पर साह ने उन्हें बताया कि बीमार रहने के कारण अपने छोटे पुत्र इंजीनियर शैलेंद्र कुमार साह के आवास पर 25 अगस्त से रहकर उपचार करवाया है। अब वापस हवाई जहाज से घर जा रहा हूं।
पीएम ने मुस्कुराकर दिया जवाब
प्रधानमंत्री से मिलने पर हुई बातचीत के क्रम में साह ने दरभंगा सहित उत्तर बिहार के विकास की मांग को रखा। प्रधानमंत्री से कहा कि आपने दरभंगा में एम्स में दिया है, इससे उत्तर बिहार ही नहीं, नेपाल व सिक्किम के लोग भी लाभान्वित होंगे। इसका जल्द निर्माण हो, इस दिशा में त्वरित पहल कीजिए।
रिटायर्ड शिक्षक राम बहादुर साह की मांग पर पीएम ने मुस्कुराकर जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि ‘दरभंगा में एम्स स्वीकृत है, राशि आवंटित है। आप लोगों को इससे लाभ मिलेगा।’
यह सुनते ही साह ने कहा कि एम्स तो स्वीकृत है, लेकिन डीएमसीएच और शोभन के बलिया को लेकर राजनीति चल रही है।
इससे आम लोगों को मतलब नहीं है, किसी एक जगह पर जल्द बने, यह हर किसी की मांग है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने त्वरित पहल का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने क्यों की राम बहादुर से बात
यह सुनकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुस्कुराते हुए त्वरित पहल करने का आश्वासन दिया। साह ने कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि प्रधानमंत्री से इस तरह मुलाकात और बात होगी।
प्रधानमंत्री ने आम लोगों की तरह मेट्रो में सफर कर यह जता दिया कि वे वाकई में आम लोगों के बीच से निकलकर यहां पहुंचे हैं।
यह पूछने पर प्रधानमंत्री ने आपसे ही क्यों मुलाकात और बातचीत की। इस पर साह ने कहा कि यह जानकारी तो नहीं है लेकिन एक शिक्षक होने के नाते यह प्रतीत हो रहा है जिस मेट्रो और बोगी में सफर कर रहे थे उसमें सभी पहनावे से बड़े लोग नजर आ रहे थे। जबकि उनके बदन पर कुर्ता, धोती और गमछा था।
शायद सामान्य व्यक्ति नजर आने के कारण प्रधानमंत्री ने उनसे मुलाकात की और हाल जाना। कुछ देर बाद विभिन्न मीडिया में प्रधानमंत्री से बात करते हुए खबर चलने लगी तो बड़े पुत्र धर्मेन्द्र ने मोबाइल पर फोन किया और जानकारी दी।
इसके बाद से लगातार गांव से लेकर कई शिक्षकों ने प्रधानमंत्री से बात करने को लेकर बधाई दी। साह ने कहा- यह मेरे जीवन का अदभुत समय था।
पीएम ने अपने संबोधन में भी किया था दरभंगा एम्स का जिक्र
दरअसल, अगस्त माह में पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने झारखंड के देवघर से लेकर बिहार के दरभंगा तक नए-नए एम्स खुलने की बात कही थी।
जबकि दरभंगा एम्स की नींव स्वीकृत होने के 8 साल बाद भी जमीन पर नहीं उतर सकी। लेकिन पीएम के भाषण में एम्स खुलने की दावा चर्चा का विषय बन गई थी।
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत विपक्ष के तामम बड़े नेताओं पीएम मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।