हमारे समाज में राजनीति ने आज जब जाति का जहर बो दिया है, वहीं बीच बिहार के शेखपुरा जिले का मेहुस गांव इस सामाजिक बुराई से 600 साल पहले ही बाहर निकल चुका है। यहां दशहरा के दिन पूरे समाज को जाति के बंधन से ऊपर उठकर साथ मिलकर चलने का संदेश दिया जाता है।
शेखपुरा के मेहुस गांव में विजयदशमी के मौके पर अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश दिया जाता है। गांव के लोग इसके लिए बीते 600 वर्षों से एक परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
प्रत्येक वर्ष इस परंपरा का निर्वहन करते हुए दलित मंदिर में प्रवेश कर पूजा करने जाते हैं, लेकिन सवर्ण जाति के लोग उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोकते हैं।
इसके बाद दोनों तरफ से ‘युद्ध’ होता है, लेकिन अंत मे दलितों की जीत होती है और फिर मंदिर में प्रवेश कर दोनों पक्षों की ओर से मां माहेश्वरी की पूजा की जाती है।
यह परंपरा पिछले 600 वर्षों से चली आ रही है। इसे लोग अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाते हैं। इस प्रकार शेखपुरा का मेहुस गांव आज पूरे समाज को जाति के बंधन से बाहर निकलने का संदेश दे रहा है।