सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। इशाकचक पुलिस ने जिस नाबालिग को मोबाइल चोरी के आरोप में जेल भेजा था, उसे अब जेल से निकाला जाएगा। न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए नाबालिग को राहत दी है और मामले को किशोर न्याय बोर्ड भेजने का आदेश दिया है।
देहरादून से आए आरोपित के मां-बाप ने गुरुवार को न्यायालय में बच्चे के नाबालिग होने से संबंधित सुबूत पेश किेए थे। सुबूत के तौर पर कोर्ट में वही दस्तावेज पेश किए गए थे, जिसके आधार पर दैनिक जागरण ने राज खोला था कि जेल भेजा गया आरोपित नाबालिग है।
सुबूत पेश होने के बाद अब नाबालिग को खूंखार कैदियों के बीच से हटाया जाएगा। उसे सुधार गृह भेजा जाएगा। आदेश आने के बाद कोर्ट परिसर में नाबालिग के मां-बाप की आंखें नम थीं। खुशी के आंसू आंखों में लिए मां ने दैनिक जागरण को बहुत-बहुत धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि आपने सत्य की लड़ाई लड़ी। मेरे बच्चे पर गैंगस्टर का दाग लगने से बचा लिया। उम्मीद है कि सुधार गृह से वह एक नेक इंसान बनकर लौटेगा।
वकील ने नहीं लिए पैसे
दैनिक जागरण ने प्रमुखता से इस मामले को उजागर किया था कि जेल भेजा गया आरोपित गैंगस्टर नहीं है। उसपर कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके साथ ही उसकी उम्र महज 17 साल है। देहरादून में उसके गरीब मां-बाप की दास्तां भी बताई थी। सब हैरान थे कि इशाकचक पुलिस ने यह क्या कारनामा किया है। लोगों की इच्छा थी कि किशोर को न्याय मिले।
न्याय की लड़ाई लड़ने गरीब मां-बाप के साथ अधिवक्ता संदीप झा खड़े हुए दिखाई दिए। उन्होंने नाबालिग के मां-बाप से एक रुपया भी नहीं लिया और उनकी कानूनी लड़ाई लड़ी। एक समाजसेवी ने मां-बाप के भागलपुर में ठहरने की नि:शुल्क व्यवस्था की। अब जल्द ही मां-बाप जेल में बेटे से मुलाकात करने जाएंगे। 26 जुलाई को जेल भेजे जाने के बाद से पहली बार कोई अपना उससे मिलने जाएगा।
मां ने कहा- बेटा कभी गलत काम में लिप्त नहीं रहा
नाबालिग की मां ने बताया कि तंगी दूर करने के लिए बेटे को कहा था कि जब तक इंटर का रिजल्ट नहीं आता तब तक सिक्योरिटी कंपनी में काम कर ले। पैसे भी आएंगे, मन भी लगा रहेगा। उसी दौरान सिक्योरिटी कंपनी में काम करने वाला बक्सर का नवीन उसे बेहतर नौकरी दिलाने के नाम पर अपने साथ ले गया।
मां ने आगे बताया कि आज तक उसका बेटा कभी गलत मामले में लिप्त नहीं रहा है। जब से पुलिस ने फोन पर सूचना दी थी कि आपका बेटा 25 जुलाई को भागलपुर में एक व्यक्ति का मोबाइल छीनने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है। तब से हम गहरे सदमे में थे।
जागरण के प्रति कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हुए माता-पिता ने कहा कि आपने मेरे बच्चे की लड़ाई लड़ी। हम तो बमुश्किल कमा-खा पाते हैं। किसी तरह पैसा जुगाड़ कर भागलपुर आए हैं। रहने और केस लड़ने की फीस की चिंता थी, लेकिन दैनिक जागरण और यहां के लोगों ने हमारी जो मदद की है उसके लिए जिंदगी भर आभारी रहेंगे।