वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में पांच साल पहले शुरू साइकिल सफारी में पर्यटकों की रुचि नहीं रही। इस पर्यटन सत्र में अब तक 10 पर्यटकों ने ही साइकिल सफारी ( Jungle Safari on cycle) की है।
वाल्मीकिनगर रेंजर अवधेश कुमार सिंह बताया कि पर्यटन सत्र में पर्यटकों को रिझाने के लिए साइकिल सफारी की शुरुआत की गई थी। इसके तहत पांच पर्यटक एक साथ साइकिल सफारी का आनंद लेते हैं। साइकिल सफारी का मकसद वीटीआर में वाहनों में उपयोग होने वाले पेट्रोल और डीजल से पर्यावरण को होने वाले नुकसान कम करना है।
पर्यटकों को वन्य प्राणियों और जंगल से और नजदीक से जोड़ने की रणनीति है। इससे पहले भी पर्यटकों को साइकिलिंग करवा कर वीटीआर में इसके लिए माहौल तैयार किया गया है।
सिर्फ जंगल में मंदिरों तक सफारी
वन विभाग के सूत्रों की मानें तो वाल्मीकिनगर पहुंचने वाले पर्यटक परिवार के साथ आते हैं। वे जिप्सी लेकर जंगल सफारी करते हैं। वे साइकिल सफारी पसंद नहीं करते।
वन विभाग की गाइडलाइन के अनुसार, साइकिल से पर्यटक सिर्फ जंगल के समीप के मंदिरों में ही जा सकते हैं। साइकिल से बीच जंगल में जाने की मनाही है। एक साथ पांच पर्यटक ही जा सकते हैं। उनके साथ एक गाइड भी रहता है, जो सफारी करने वालों की मॉनीटरिंग करता है।
सीएम ने दिखाई थी वाल्मिकीनगर में साइकिल को हरी झंडी
बता दें कि 2018 में वाल्मीकिनगर में पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने साइकिल सफारी को झंडी दिखाकर रवाना किया था। शुरुआती दौर में मंगाई गई 10 साइकिलें अभी भी मौजूद हैं। दो घंटे के लिए 50 रुपये प्रति साइकिल दर तय है।