मोटी तनख्वाह वाली विदेश की नौकरी छोड़ दी। पटना लौट आये। बस एक ही जुनून है कि अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ नया करना है। Cyber Security Networking की पढ़ाई पटना के लिए बिल्कुल नयी है। एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ने बिहार में तकनीकी शिक्षा के लिए नयी क्रांति की शुरुआत की है।
बिहार के इस होनहार नौजवान का नाम है सतबीर कुमार। वे पटना जिले के पोटही के लोचना गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता ह्दयानंद सिंह किसान हैं। बाद में उन्होंने पटना में पोल्ट्री फॉर्म शुरू किया। सतबीर कुमार की स्कूली पढ़ाई पटना में हुई। उन्होंने मे फ्लावर स्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तमिलनाडु चले गये। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में जिग्री ली।
फिर कम्प्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग में आइपी सोल्यूशन, मुम्बई से छह महीने का कोर्स किया। पढ़ाई के बाद वे वहीं पढ़ाने लगे। दो साल के बाद उन्होंने CCIE (सिस्को सर्टिफाइड इंटरनेटवर्क एक्सपर्ट) इंट्रेंस एक्जाम में बैठने का फैसला किया। यह परीक्षा बहुत कठिन मानी जाती है और इसमें शामिल होने का खर्च भी बहुत अधिक है। इसकी फीस और अन्य खर्चे करीब 1 लाख 70 हजार रुपये तक पहुंच जाते हैं। सतबीर ने नौकरी से कुछ पैसे बचाये थे।
वे इस परीक्षा में शामिल हुए और परीक्षा देने हांगकांग गये। पूरे विश्व में इस परीक्षा के कुल 10 ही सेंटर हैं। भारत में एक मात्र सेंटर बेंगलुरु है। पहले प्रयास में सतबीर नाकाम रहे। मेहनत से जमा किया गया पैसा बेकार चला गया। जब वे निराश हुए तो माता पिता ने हिम्मत दी। सतबीर ने दूसरी बार परीक्षा दी।
सतबीर ने 2012 में CCIE की परीक्षा पास कर ली। यह बहुत बड़ी कामयाबी थी। इस सर्टिफिकेट को हासिल करने वाले दुनिया में गिनती के ही लोग है।
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के 193 देशों में करीब 50 हजार लोग ही इस सर्टिफिकेट को हासिल कर पाये हैं। इसमें आधा लोग रिटायर होने के कगार पर हैं। साइबर सिक्यूरिटी नेटवर्किंग के ज्ञान का ये सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है।
2013 में सतबीर मध्य एशिया के देश कतर चले गये। कतर में उन्होंने अपनी काबिलियत की धूम मचा दी। खाड़ी के कई देश उनके क्लाईंट बन गये। इस दौरान सतबीर के दिमाग में ये बात आयी कि उन्हें बिहार के लिए भी कुछ करना चाहिए।

