साइबर ठगों ने बिहार में बैठकर इलेक्ट्रिक स्कूटी की फर्जी वेबसाइट बनायी और दिल्ली के लोगों से करीब 50 लाख की ठगी कर ली। जब दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले की छानबीन की तो पता चला कि ठग पटना में बैठे हैं। इसके बाद पटना में छापेमारी शुरू की गयी। दिल्ली पटना पुलिस ने संयुक्त अभियान में इस मामले के 16 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरोह का उद्भेन करने में जुट गई है।
सभी को व्यवहार न्यायालय में एसीजेएम-1 नवीन कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया। इसके बाद आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली से आए अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, फर्जी वेबसाइट को खंगालने पर फर्जीवाड़े की रकम बढ़ सकती है। ठगी के शिकार लोगों की स्पष्ट संख्या पुलिस अभी बता नहीं पा रही है। चूंकि इस गिरोह में दूसरे राज्यों के भी सदस्य हैं। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि ठगी के शिकार सैकड़ों लोग हुए होंगे।
ये हुए गिरफ्तार
पुलिस ने अमन उर्फ रॉकी व अनीश उर्फ गोलू (महानंदपुर थाना सेखुपुर सराय पटना), बिट्टू (बाजीगंज गया),सन्नी (कतरीसराय नालंदा), नवलेश (मंझवे नवादा), आदित्य (गोवर्धन बीघा नालंदा), विवेक कुमार (सिजुआ थाना जोकता धनबाद), मुरारी (पलौनी थाना मानपुर नालंदा), अजय कुमार (शांतिनगर चास झोडढ़ी मोड़ धनबाद), अविनाश कुमार (अहिल्याचक कतरीसराय), प्रिंस कुमार गुप्ता (कतरीसराय नालंदा), वादिथ्या चिन्ना (महबूब नगर रंगारेड्डी हैदराबाद), आनंद कुमार (कतरीसराय नालंदा), शिवा कुमार (महबूब नगर रंगारेड्डी हैदराबाद), रमेश कुमार (महबूब नगर रंगारेड्डी हैदराबाद) श्रीनू एस (महबूब नगर रंगारेड्डी हैदराबाद) को रूपसपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
ऐसे करते थे ठगी
साइबर अपराधियों के गिरोह ने ओला इलेक्ट्रिक सिटी स्कूटी के नाम से एक फर्जी वेबसाइट बना रखा था। गिरोह के सदस्य कुछ खास मोबाइल नंबरों पर कॉल करके खरीद-बिक्री की बातें करते थे। 1 लाख 40 हजार की स्कूटी की कीमत 70 हजार बताकर झांसे में ले लेते थे। एटीएम, क्रेडिट कार्ड आदि के संदर्भ में भी बात करते थे। झांसे में आने के बाद एप डाउनलोड करवा लेते थे या कार्ड का नंबर,पिन कोड पूछ लेते थे। उसके बाद खाते खाते से रुपए निकाल लेते थे।
शिकार होने से एसे बचें
साइबर ठग किसी को भी अपना शिकार बनाते हैं। अगर आपको मोबाइल पर ऐसे मैसेज आएं तो सावधान हो जाएं। किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर कभी कोई एप अपने मोबाइल में डाउनलोड नहीं करें। एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड से संबंधित कोई जानकारी किसी से शेयर मत करें। साइबर फ्रॉड का शक होने पर अपने इलाके की पुलिस को अवश्य सूचना दें।