खुशखबरी:- बिजली दरों में राहत का एलान बहुत जल्द होगा

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बिजली दरों में भारी वृद्धि की गूंज शनिवार को विधानमंडल तक पहुंची तो राज्य सरकार ने एलान किया कि उपभोक्ताओं को राहत दी जाएगी। शीघ्र इसकी घोषणा होगी। वर्ष 2017-18 के लिए बिहार विद्युत विनियामक आयोग की नई टैरिफ आने के बाद सरकार अनुदान की प्रक्रिया पर विचार कर रही है। आयोग के फैसले के मुताबिक एक अप्रैल से बिजली की दरों में औसत रूप से फीसदी तक वृद्धि होनी है।

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में घोषणा की कि सरकार बजट सत्र में ही उपभोक्ताओं को राहत दिए जाने के संबंध में एलान करेगी। आज ही विनियामक आयोग से टैरिफ की कॉपी मिली है। इसका अध्ययन कर दो-तीन के भीतर सरकार निर्णय लेगी। बिजली कंपनी ने इस बार अनुदान रहित टैरिफ का प्रस्ताव दिया था, जिसपर आयोग का फैसला आया है। अब उपभोक्ताओं को अनुदान देकर राहत देने की जिम्मेवारी सरकार पर है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस बार सब्सिडी की राशि कंपनी को नहीं देकर सीधे उपभोक्ताओं को दी जाएगी।

इसके पहले हुआ जमकर हंगामा : विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही इस मसले पर नारे लगाए गए। शून्यकाल में कुछ देर के लिए वेल में भी भाजपा विधायक पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर ऊर्जा मंत्री का सदन में वक्तव्य होगा। इस पर भाजपा विधायक अपनी सीट पर पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि जिस तरह से विद्युत टैरिफ बढ़ाने का ऐलान हुआ है, उससे लोग परेशान हैं।फीसद की बढ़ोतरी होनी है विनियामक आयोग के फैसले के मुताबिकवृद्धि के प्रस्ताव को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने दिया वक्तव्य1ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा-बगैर अनुदान के प्रस्ताव पर आयोग का आया फैसला विधानसभा के बाहर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के फैसले का विरोध करते विपक्ष के नेतागण।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान वर्ष के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि अनुदान विद्युत वितरण कंपनियों को नहीं दिया जाएगा बल्कि सीधे उपभोक्ताओं को मिलेगा। विनियामक आयोग ने जिस टैरिफ का ऐलान किया है, उसमें राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की राशि शामिल नहीं है। पिछले वर्ष तक परंपरा थी कि राज्य सरकार द्वारा बिजली कंपनियों को सीधे अनुदान दिया जाता था। अनुदान की राशि शामिल करने के बाद ही बिजली कंपनी विनियामक आयोग के पास टैरिफ से संबंधित अपना प्रस्ताव देती थी। इस वर्ष नीतिगत निर्णय के तहत अनुदान के बगैर टैरिफ का प्रस्ताव तैयार कर बिजली कंपनी ने विनियामक आयोग के पास अपना प्रस्ताव जमा किया। इसी वजह से बढ़ोतरी अधिक लग रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों की टैरिफ से तुलना कर राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले अनुदान पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

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