पटना: ग्रुप सी और डी की नौकरियों के लिए छेड़े गए रेलवे के मेगा भर्ती अभियान ने क्षेत्रीय भर्ती बोर्डों की नींद हराम कर दी है। रेलवे की नब्बे हजार नौकरियों के लिए ढाई करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों ने आवेदन किया है। इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदनों में से सही आवेदकों का चयन करने में ही भर्ती बोर्डों के हाथ-पांव ढीले हो गए है। ऐसे में इनके लिए परीक्षाओं का आयोजन कब और कैसे होगा, यह सोचकर ही उनके पसीने छूटे जा रहे हैं और उन्होंने रेलवे बोर्ड से तैयारियों के लिए और समय मांगा है।
मेगा भर्ती अभियान के तहत रेलवे ने इसी साल फरवरी में ग्रुप सी लेवल-1 (ग्रुप-डी) तथा ग्रुप सी लेवल-2 के लगभग 90 हजार पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। जवाब में ढाई करोड़ से ज्यादा आवेदकों ने आवेदन किया है। इनमें हाईस्कूल और आइटीआइ की निर्धारित योग्यता वाले आवेदकों के बजाय बीएसएसी, एमएससी, बीटेक, एमटेक तथा पीएचडी डिग्रीधारी आवेदकों की संख्या ज्यादा हैं। इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदनों का मूल्यांकन करने में भर्ती बोर्डों के पसीने आ रहे हैं और दो महीने बीत जाने के बावजूद अभी मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में भर्ती बोर्डों की समझ में नहीं आ रहा है कि इनकी परीक्षा कब और कैसे कराई जाएगी तथा परीक्षा केंद्रों का इंतजाम किस तरह किया जाएगा।
ग्रुप सी लेवल-2 में असिस्टेंट लोको पायलट, फिटर, क्रेन ड्राइवर और ब्लैकस्मिथ के पद आते हैं। इस ग्रुप 26,502 पदों पर भर्ती के लिए 3 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। दूसरी ओर ग्रुप सी लेवल-1 अर्थात ग्रुप-डी में, जिसमें ट्रैक मेंटेनर, प्वाइंट्समैन, हेल्पर, गेटमैन, पोर्टर जैसे पद आते हैं इनमें कुल 62,907 पदों पर भर्ती के लिए 10 फरवरी को विज्ञापन निकाला गया था। इस तरह दोनों ग्रुपों में कुल मिलाकर 89,409 रिक्त पदों के लिए अधिसूचनाएं जारी की गई थीं। शुरू में ग्रुप सी लेवल-2 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 5 मार्च, जबकि ग्रुप सी लेवल-1 के लिए 12 मार्च रखी गई थी। लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव तथा यूनियनों की मांग के मद्देनजर न केवल आवेदकों की आयु एवं शैक्षिक योग्यता में ढील दे दी गई, बल्कि आवेदन भेजने की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया।
रेलवे में ग्रुप सी और डी के पदों की भर्ती देश भर में फैले 21 क्षेत्रीय भर्ती बोर्डों के माध्यम से होती है। ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया के तहत पहले आवेदनों का मूल्यांकन किया जाता है। और उसके बाद उपयुक्त पाए गए आवेदकों को दो चरणों में परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाता है। पहला चरण लिखित परीक्षा का होता है। जबकि दूसरे चरण में शारीरिक फिटनेस का आकलन किया जाता है। लेकिन भारी भीड़ के कारण भर्ती बोर्डों को मूल्यांकन के चरण में ही आफत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इनकी परीक्षाएं कब और किस तरह संपन्न होंगी, यह प्रश्न सभी को परेशान कर रहा है। पहले मई तक परीक्षाओं के आयोजन और जुलाई तक परिणाम घोषित करने की योजना थी। मगर अब यह असंभव लग रहा है।
विडंबना यह है कि इस स्थिति के बावजूद रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) तथा रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) में 9,739 रिक्तियों पर भर्ती का भी अलग से ऐलान कर दिया है। इसके तहत 8,619 कांस्टेबलों और 1,120 इंस्पेक्टरों के पदों के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए हैं। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने स्थिति को विकट बताते हुए कहा कि परीक्षाओं के आयोजन के लिए दो एजेंसियों की सेवाएं लेने पर विचार हो रहा है। लेकिन अभी तक उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी है। जिम्मेदार अधिकारी इस विषय में बात करने से कतरा रहे हैं।
Source: dianik jagran