कोरोना के बाद 60 फीसदी स्कूली बच्चों में गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ा है। वे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे हैं। कक्षा में आपस में झगड़ने लगे हैं। शिक्षकों के कहने पर भी गलती स्वीकार नहीं करते। ये बातें पटना जिले के 120 निजी स्कूलों के लगभग एक लाख बच्चों पर हुए अध्ययन में सामने आई है। इस वर्ष फरवरी से जुलाई तक यह अध्ययन कक्षा आठ से 12 तक के बच्चों पर किया गया। सीबीएसई के सिटी को-आर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि पैरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) में आए दिन अभिभावकों द्वारा बच्चों के स्वभाव में परिवर्तन और पढ़ाई में ध्यान नहीं लगाने की शिकायत की जा रही थी।
आज स्कूल में आपको कैसा महसूस हो रहा है
● तीन ऐसी चीजें बताएं, जिससे आपको आज बहुत अच्छा लग रहा हो
● अपने स्वभाव या नेचर के बारे में पांच चीजें बताएं जो आपको पसंद हो
● तीन ऐसी चीजें जो कक्षा में आपको अच्छा महसूस करवाता हो
● स्कूल प्रशासन का विहेवियर या व्यवहार कैसा है आपके प्रति
● जब गुस्सा आता है तो फिर क्या करने का मन करता है
● तीन चीज जिसके कारण आपको गुस्सा आता हो
● मोबाइल व सोशल मीडिया पर कितना समय बिताते हैं,
● मोबाइल का इस्तेमाल गेम खेलने के लिए अथवा पढ़ाई के लिए करते हैं
● सहपाठियों की किन बातों पर गुस्सा आता है
भूख और कक्षा का माहौल गुस्से का बड़ा कारण
बच्चों के व्यवहार और स्वभाव में सकारात्मक बदलाव लाने और उनके गुस्से को कम करने के लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। सेंट जेवियर्स हाईस्कूल के प्राचार्य फादर क्रिस्टू ने बताया कि कोरोना के बाद बच्चों के व्यवहार में काफी बदलाव आया है। उनका गुस्सा बढ़ा है। साथ ही कई बच्चे पढ़ाई में भी कम रुचि दिखा रहे हैं। डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि बच्चों से ही उनके स्वभाव के बारे में लिखकर पूछा जाता हैं। कई बच्चों ने स्वीकार किया है पहले से वो अब अधिक गुस्सा करने लगे हैं। नकारात्मक विचार वाले बच्चों की काउंसिलिंग कर उनका पढ़ाई की ओर ध्यान लगाने का प्रयास किया जा रहा है। व्यवहार सुधारने को नैतिक मूल्यों और काउंसिलिंग की अलग से कक्षाएं शुरू की गई हैं।
अधिकतर बच्चों ने भूख और क्लास के माहौल को गुस्से का बड़ा कारण बताया है। दरअसल, कोरोना काल में बच्चे घर पर ही रहते थे। इस वजह से उनके खाने का अंतराल कम हो गया था। बच्चों का कहना है कि तीसरा पीरियड आते-आते उनको भूख लग जाती है, इसके कारण गुस्सा आता है। कुछ बच्चों ने कक्षा के शोरगुल, साथी छात्रों द्वारा मजाक करने और लगातार क्लास को गुस्से का कारण बताया।