द फ्री प्रेस जर्नल में छपी खबर के अनुसार, दुनिया भर में कोरोना के नये-नये वेरिएंट पनप रहे हैं. कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट ने कई देशों में तबाही मचाई है. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एसके सिंह ने कोरोना के इन वेरिएंट को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा कि, डब्ल्यूएचओ की रणनीति के तहत जहां कोरोना के नये वेरिएंट का पता चल रहा है वहां इसके नमूनों की पहचान की जानी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि, हर राज्य को नमूनों को जीनोम जांच कराना चाहिए. उन्होंने कहा, यह परीक्षण किया जाना जरूरी है कि, क्या कोई नया म्यूटेंट है जो आने वाले समय में तबाही फैला सकता है.
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के बीच देश में कोविड के अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट का खतरा कम नहीं हुआ है. ये किसी को भी कहीं भी अपनी चपेट में ले सकता है. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एसके सिंह ने कोरोने के इन वेरिएंट को लेकर आगाह किया है. इसके अलावा उन्होंने नए म्यूटेंट की तलाश करने पर भी जोर दिया है. उनका कहना है कि, नए वेरिएंट कभी भी किसी को नुक्सान पहुंचा सकते हैं.
डॉ एसके सिंह ने कहा कि, देश में सेंटाइनल साइट फिक्स करने को कहा गया था. और राज्यों को कम से कम 5 प्रयोगशालाओं और 5 केयर हॉस्पिटल पर काम करने की बात कही गई थी. इसी दोरान डॉ एसके सिंह ने कहा कि, अभी देश में 277 सेंटाइनल साइट की पहचान की गई, और 8 हजार नमूने सिर्फ जुलाई में ही भेजे गए.