जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सोमवार को कोरोना से मृत लोगों के आश्रितों को मुआवजा नहीं मिलने के आधा दर्जन मामले पहुंचे। इस तरह के मामलों की बढ़ी संख्या को देख मुख्यमंत्री ने तुरंत आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव को फोन पर तलब किया और पूछा कि इतनी देरी क्यों हो रही है? इसे खुद देखिए।
सीएम ने सूची बनाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास मामलों को भेजा गया है, जाकर देखिए। इसी तरह मुख्यमंत्री ने इस बात को भी नोटिस में लिया कि कुछ लोग ऐसे भी हैं कि जो अपनी समस्या को लेकर पहले भी आए थे, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। सीएम ने मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी को ऐसे मामलों की सूची बनाने को कहा है।
पहले भी आ चुके लोग, अब तक नहीं हुआ समाधान
बेतिया से आई एक महिला की यह गुहार थी कि 2021 में उसके पति की मृत्यु कोरोना से हो गई थी। मुआवजा अभी तक नहीं मिला। एक बार इस मामले को लेकर वह जनता दरबार में आ चुकी है पर कुछ नहीं हुआ है। वहीं, दरभंगा के बैरी से भी एक मामला कोरोना से हुई मौत के बाद मुआवजा नहीं मिलने का पहुंचा था। पूर्वी चंपारण से आए एक युवक ने कहा कि 2021 में उसके माता-पिता दोनों की मौत मुजफ्फरपुर स्थित कोविड केयर सेंटर में हो गई पर अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।
इसी तरह का मामला पश्चिम चंपारण से आए सत्य कुमार पांडेय का भी था। उन्होंने कहा कि 25 मई 2021 को उनके पिता की मौत कोरोना से हुई थी। मुआवजा भुगतान नहीं होने पर वह इस वर्ष अप्रैल में जनता दरबार पहुंचकर अपने मामले को रखा था पर अभी तक भुगतान नहीं हुआ।