कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से मुलाकात कर राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत की है। अब, दोनों की मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो गईं हैं।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम से सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें बिहार किसी स्पेशल मिशन पर भेजा है ? इस पर हरीश रावत ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, कांग्रेस नेता ने माना कि उनके और नीतीश कुमार के बीच राजनीति को लेकर बातचीत हुईं हैं। रावत ने आगे कहा कि ‘हम कोई संत नहीं हैं। जब राजनीतिक लोग मिलते हैं, तो राजनीति की बातें होनी तय है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मेरे पुराने दोस्त हैं और वे नीतीश कुमार के अच्छे कार्यों की तारीफ करने पटना आए हैं। नीतीश अच्छा काम कर रहे हैं और यह सबकी जिम्मेदारी बनती हैं कि उनके कामों की सराहना करें।
रावत के कैप्शन में कहीं छुपा तो नहीं संदेश
बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना में मुलाकात की। इसके बाद, उन्होंने ट्विटर पर दोनों की मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की। तस्वीर का कैप्शन दिया ‘2024 में विपक्षी एकता की बुलन्द आवाज श्री नीतीश कुमार’
इधर, दोनों की मुलाकात के पीछे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दोनों की मुलाकात को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष को मजबूत करने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
कुछ दिन पहले ही, नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल सहित अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। अब रावत का अचानक से पटना आने के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों को एक छतरी के नीचे लाने में जुटे नीतीश कुमार विपक्ष का 2024 में नेतृत्व कर सकते हैं।